दिल्ली में 8वीं तक के बच्चों को नहीं करना होगा ये , केजरीवाल सरकार ने सुनाया फैसला

आदेश के अनुसार, ”अगर किसी छात्र के पास डिजिटल उपकरण (मोबाइल/लैपटॉप) और इंटरनेट नहीं है तो कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऐसे बच्चों के माता-पिता को स्कूल बुलाकर उन्हें प्रोजेक्ट और असाइनमेंट की हार्ड कॉपी दी जाएगी।” आदेश में कहा गया है, ”असाइनमेंट और प्रोजेक्ट देते हुए विषय के शिक्षक उसकी प्रकृति और वर्कशीट पर काम करने का तरीका समझाएंगे।

दिशा-निर्देश के अनुसार, तीसरी से पांचवीं कक्षा तक वर्कशीट पर 30 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 40 अंक दिए जाएंगे।

इसी तरह छठवीं से आठवीं कक्षा तक के लिए वर्कशीट पर 20 अंक, सर्दियों की छुट्टियों में दिए गए असाइनमेंट पर 30 अंक और एक से 15 मार्च के बीच दिए जाने वाले प्रोजेक्ट और असाइनमेंट पर 50 अंक दिए जाएंगे।

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने अपने आदेश में कहा, ”चूंकि प्राथमिक और मिडिल स्तर पर कक्षाओं में कोई पठन-पाठन नहीं हुआ है, ऐसे में सामान्य परीक्षाओं की जगह विषयवार प्रोजेक्ट और असाइनमेंट के माध्यम से तीसरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों का मूल्यांकन किया जाए।”

शिक्षा निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मूल्यांकन के बाद अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए। इस अवस्था में मूल्यांकन का उद्देश्य कोविड-19 के कारण अपनाए गए पठन-पाठन के वैकल्पिक तरीके के प्रभाव को समझना है।

साथ ही विश्लेषण से आगे की रणनीति पाठ्यक्रम आदि तय करने में भी मदद मिलेगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, निजी स्कूल अपना कार्यक्रम स्वयं तैयार करेंगे और अपनी परीक्षाओं और मूल्यांकन का आधार स्वयं तय करेंगे।

दिल्ली सरकार ने आठवीं कक्षा तक के छात्रों के आकलन के लिए बुधवार को सभी सरकारी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी कर सामान्य परीक्षाएं लेने से मना कर दिया और उनके ”प्रोजेक्ट” और ”असाइनमेंट” के आधार पर परिणाम घोषित करने को कहा है।

शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए प्रभावी होगा। इस शिक्षण सत्र में कोविड-19 के कारण स्कूल लंबे समय तक बंद रहे और सारा पठन-पाठन ऑनलाइन हुआ।