कोरोना काल में वरदान बना ये फल, बड़ी संख्या में लोग कर रहे इस्तेमाल

कुछ मामलों में इससे शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है और व्यक्ति को डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है क्योंकि हर व्यक्ति की चयापचय मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया अलग-अलग तरह की होती है।

 

ऐसे में उसे त्रिफला चूर्ण कितनी मात्रा में सेवन करना है दूध के साथ सेवन करना है या पानी के साथ और कब सेवन करना है। इन बातों का निर्धारण एक चिकित्सक ही कर सकता है क्योंकि बिना सोचे- समझे इसका सेवन करने से चयापचय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

वैसे तो त्रिफला गैस्टिक की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है। लेकिन कई बार बिना चिकित्सकीय सलाह के इसके बहुत अधिक सेवन से डायरिया भी हो सकता है।

वैसे तो त्रिफला चूर्ण को पेट के लिए रामबाण दवा माना जाता है। विशेषज्ञ भी इसे सुरक्षित और असरदार मानते हैं और घरों में लोग बेहिचक इसका सेवन करते हैं। त्रिफला बिल्कुल सुरक्षित और असरदार आयुर्वेदिक औषधि है। आयुर्वेद के अनुसार, यह त्रिदोष (वात, पीत, कफ)का नाशक है।

पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए वैसे तो कई दवाएं या तरीके उपलब्ध हैं लेकिन आप एक आयुर्वेदिक चीज के जरिये भी इससे राहत पा सकते हैं। यह चीज है त्रिफला। त्रिफला का इस्तेमाल आयुर्वेद में ही नहीं बल्कि दादी मां के जमाने से ही चला आ रहा है।

कोरोना काल में शरीर को मजबूत करने के लिए पेट को दुरुस्त रखना जरूरी है। अगर पेट सही रहेगा तो खाना-पीना सही तरह हजम होगा और शरीर को सभी जरूरी तत्व मिल सकेंगे। आजकल खराब खान-पान और बिगड़ती जीवनशैली की वजह से बहुत से लोग पेट की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं।