कोरोना के मरीजों में दिखा ये नया लक्षण, सुनाई देती है…और होता है…

इस बारे में शोध का हिस्सा रहे प्रो. रिचर्ड ग्रे का कहना है कि इलाज के दौरान ऐसे लक्षण दिखाई देने पर इन मरीजों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है।

दरअसल, कोरोना के मरीज अक्सर डिप्रेशन और बैचनी से भरे रहते हैं और इस दौरान फिर उनकी मती भ्रम होना इलाज के दौरान और मुश्किलें पैदा कर देता है। मरीज डरने लगते हैं।

 

मतिभ्रम होना या साइकोसिस दिमाग की एक ऐसी असामान्य दशा है जिसमें दिमाग यह तय नहीं कर पाता कि जो उसके सामने हैं या जो वो महसूस कर रहा है.

वो सही हो सकता है या नहीं। इसमें आभासी और रियल चीजों में भेद कर पाना दिमाग के लिए मुश्किल हो जाता है।इस अध्ययन में 14 रिसर्च को शामिल किया गया है।

इतना ही नहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के अलावा मर्स, सार्स और स्वाइन फ्लू के मरीजों में भी ऐसे ही लक्षण देखने को मिले थे।

इस दौरान मरीज को कुछ आवाजें सुनाई देती हैं, या उसे किसी के होने का आभास होता है। ये वही सब महसूस करने लगते हैं जिनका वास्तविकता से कोई मतलब नहीं होता।

शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना मरीजों में अब धीरे-धीरे नए लक्षण पैदा हो रहे हैं। इस वजह से इसके इलाज में भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। साधारण लक्षणों का पता लगा आर उसका तुरंत इलाज किया जा सकता है लेकिन अब जिस तरह से नए लक्षण दिख रहे हैं, डॉक्टरों को दिक्कतें हो रही हैं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका सबसे बड़ा कारण तनाव हो सकता है। मरीजों को लगातार जिस तरफ से ट्रीट किया जा रहा है उससे उनमें ऐसे कारण बढ़ सकते हैं। हालांकि डॉक्टर्स इसमें उनकी मदद करते हैं लेकिन दिमाग की कंडीशन को समझना हर बार आसान नहीं होता।

कोरोना वायरस के मरीजों में अब एक नया लक्षण देखने मिल रहा है। इस बारे में ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने दावा करते हुए कहा है कि कोरोना के मरीज मतिभ्रम होने जैसे लक्षणों से प्रभावित हैं।

इस बारे में शोधकर्ताओं ने 14 अलग-अलग अध्ययन किए हैं। इनमें पता लगा है कि कोरोना के 4% ऐसे मरीज हैं जिन्हें मतिभ्रम यानी साइकोसिस या मनविक्षिप्तता हो रही है। उन्हें कुछ आवाजें सुनाई देती है जो उन्हें भ्रमित करती हैं।