चीन में मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहा ऐसा, काटे जजा रहे…

तुर्क मूल के 10 लाख से ज़्यादा वीगर मुसलमानों को प्रताड़ना शिविरों में क़ैद करके रखा गया है और कारख़ानों में उनसे जबरन काम लिया जाता है।

 

उनके साथ दुर्व्यवहार, उन पर अत्याचार, उनका बलात्कार और यहां तक ​​कि उनकी हत्याएं एक सामान्य बात है। उन्हें करंट लगाया जाता है, वाटरबोर्डिंग और मारपीट की जाती है, और अज्ञात पदार्थों के इंजेक्शन दिए जाते हैं।

इन कृत्यों में शामिल हैः (a) हत्या, (b) गंभीर शारीरिक या मानसिक नुक़सान, (c) समूह के विनाश के लिए परिस्थितियां उत्पन्न करना (d) समूह में प्रजनन को रोकने के उपाय करना (e) समूह के बच्चों को जबरन दूसरे समूहों में स्थानांतरित करना।

इनमें से कोई भी एक कृत्य, नरसंहार का कारण बन सकता है। चीन सरकार द्वारा वीगर समुदाय के जानबूझकर और व्यवस्थित नरसंहार के प्रयासों के प्रमाण इनमें से प्रत्येक कृत्य से स्पष्ट रूप से मिलते हैं।

चीन ने नरसंहार कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें किसी एक समूह के सदस्यों के ख़िलाफ़ विशेष कृत्यों को नरसंहार के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें से उस समूह को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से नष्ट करने का प्रयास शामिल है।

दोनों ही घटनाएं अल्पसंख्यक वीगर मुसलमानों पर हो रहे अत्यंत अत्याचारों को दर्शा रही हैं, जिनका पिछले एक दशक से व्यवस्थित नरसंहार जारी है।

पहली वह आधिकारिक रिपोर्ट है, जिसमें योजनाबद्ध तरीक़े से वीगर मुस्लिम महिलाओं की नसबंदी के दस्तावेज़ मौजूद हैं। दूसरी अमरीकी कस्टम और सीमा सुरक्षा अधिकारियों द्वारा ज़ब्त किए गए 13 टन इंसानों के बाल हैं, जो प्रताड़ना शिविरों में क़ैद करके रखे गए वीगर मुसलमानों के हैं और जिनके जबरन काटे जाने का संदेह है।

चीन के शिनजियांग राज्य में शांति प्रिय वीगर या उइगर मुसलमानों के ख़िलाफ़ अत्याचार की दो ऐसी घटनाएं घटी हैं, जो दुनिया को झकझोर कर रख सकती हैं।