चुनाव से ठीक पहले बिहार में ये बड़ी आफत , मारे गए इतने लोग

मामले में मुंगेर के डीएम राजेश मीणा ने बताया कि कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने के लिए जानबूझ कर बवाल किया और फायरिंग कर दी। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई।

 

वहीं भीड़ के हमले में संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार समेत 17 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

हालाँकि पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने जानबूझ कर पत्थराव और फायरिंग की। घटना के बाद दीन दयाल चौक और आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है।

फायरिंग में एक 18 साल के युवक अनुराग की मौके पर मौत हो गयी, वहीं अन्य पांच लोग घायल हो गए। तत्काल उन्हें इलाज के लिए मुंगेर के सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और पुलिस से भिड़ गए। लोगों का आरोप है कि पुलिस की फायरिंग में युवक की मौत हुई।

दरअसल, बिहार में चुनाव के मद्देनजर पूजा समीतियों को निर्देश दिए गए थे कि वे 26 अक्टूबर की शाम तक विसर्जन कर लें। हालाँकि मुंगेर जिले में विसर्जन के लिए जब पुलिस ने लोगों से कहा था स्थानीय लोगों से कहासुनी हो गयी। पंडित दीन दयाल चौक के पास शंकरपुर की प्रतिमा को विसर्जन को लेकर पुलिस लोगों को समझा रही थी कि तभी गोली चलने की आवाज सुनाई दी।

बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले मुंगेर में हालात बिगड़ गए। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान यहां जमकर बवाल हुआ। पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच भी झड़प हो गयी।

हिंसा इतनी बढ़ गयी कि विसर्जन में फायरिंग तक की गयी, जिसमे कई लोग घायल हुए, वहीं एक की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि 17 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मामले में 100 लोगों को हिरासत में ले लिया गया।