बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने दिया ये इशारे, जानिए सबसे पहले…

सीएम नीतीश ने कहा, “हम लोग तो इस पर काम करेंगे. कुछ लोगों को लगता है कि कानून बनाने से ये (जनसंख्या नियंत्रण) संभव है, तो वो उनकी सोच है. हमारी सोच अलग है. हम लोग तो अपने हिसाब और सोच से काम करेंगे.”

गौरतलब हो कि कुछ दिनों पहले भी नीतीश कुमार ने कहा था कि कानून बनाकर जनसंख्या कंट्रोल नहीं किया जा सकता. चीन में क्या हुआ ये सबने देखा. ऐसे में इसके लिए जागरूकता की जरूरत है. नीतीश कुमार ने कहा, “एक बात साफ कह देना चाहते हैं, जो राज्य जो करना चाहे वो कर सकता है, लेकिन कानून बनाकर जनसंख्या काबू करना संभव नहीं है. महिलाएं जब जागरूक रहेंगी तो प्रजनन दर कम होगा.”

नीतीश कुमार ने कहा कि आप जानते हैं कि बिहार में पहले जनसंख्या की स्थिति क्या थी. उसको देखते हुए हमलोग बिहार में जनसंख्या के नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए शुरू से ही हमलोगों ने इसका आकलन किया है.

यह नतीजा सामने आया कि पति पत्नी में अगर पत्नियां पढ़ी लिखी होंगी तो प्रजनन दर घटेगा. हमलोग उसी पर चल रहे हैं. पहले प्रजनन दर चार से भी ज्यादा था जो अब तीन पर पहुंच गया है. अगले पांच से सात सालों में हमलोग दो पर पहुंच जाएंगे.

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी राय साफ कर चुके हैं. इस मामले में विपक्ष भी उनके साथ खड़ा है. इस क्रम में अब बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भी नीतीश कुमार ने अपनी राय साफ कर दी है.

मंगलवार को एक कार्यक्रम से निकलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कानून अपनी जगह पर है. इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में बताया कि बिहार में पांच वर्षों में फिलहाल यह कानून लागू होने नहीं जा रहा है.