भोलेनाथ की शादी में आए थे बहुत विघ्न, इस चीज़ के कारण वापस लौट आई थी बारात

शिवपुराण के अनुसार बानासुरन नाम का एक असुर था। जिसने अपने आतंक से सभी देवताओं को परेशान करके रखा था। देवताओं ने उसका वध करने की भी कोशिश की पर कोई सफल नहीं हो पाया।

बताया जाता है कि इस असुर को भगवान शिव से वरदान मिला हुआ था कि उसकी मृत्यु केवल कुंवारी कन्या ही कर पाएगी।शादी की सभी तैयारियां हो गई। भगवान शिव बारात लेकर निकले। मगर जब इस बात की भनक नारद जी को लगी कि ये कोई साधारण कन्या नहीं बल्कि आदि शक्ति का रूप हैं।

और इनका जन्म राक्षस के विनाश के लिए हुआ है तो ये बात नारद जी ने सभी देवताओं में फैला दी और शादी रोकने की योजना तैयार करने लगे।कन्या इस प्रस्ताव से इतनी क्रोधित हुईं कि उन्होंने असुर को युद्ध करने के लिए कहा।

इस भीषण युद्ध में बानासुरन मारा गया। मगर कन्या कुंवारी रह गई। इसलिए आज भी दक्षिणी छोर को कन्याकुमारी के नाम से जाना जाता है। वहां के लोगों के बीच ये कथा काफी प्रचलित है।