अफगानिस्तान में तालिबान ने किया ऐसा, शुरू दूसरे धर्म के लोगों की मुसीबत

निदान सिंह सचदेवा को अफगान सरकार और समुदाय के बड़े नेताओं के प्रयासों के बाद तालिबान से 22 जून, 2020 को रिहा कराया गया था। इससे पहले बीते साल मार्च में काबुल में एक आतंकी हमले में सिख समुदाय के 30 लोगों की मौत हो गई थी।

इस हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी। हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना था कि इसमें हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।

अफगानिस्तान में तालिबान का खूंखार दौर लौटने के साथ ही दूसरे धर्म के लोगों की लिए मुसीबतों का दौर शुरू हो गया है। खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में स्थित चमकानी इलाके के गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से तालिबान ने सिखों के पवित्र ध्वज निशान साहिब को उतरवा दिया है। इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर श्री गुरु नानक देव भी गए थे

नवीन कुमार ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है, जिसमें ध्वज के स्थान से निशान साहिब हटा दिख रहा है। इसी गुरुद्वारे से बीते साल निदान सिंह सचदेवा नाम के शख्स को किडनैप कर लिया गया था। अब एक बार फिर से निशान साहिब उतारे जाने के चलते यह गुरुद्वारा चर्चा में है।