अफ़ग़ानिस्तान में अब महिलाए नहीं कर पाएँगी ये काम , जानकर लोगो मे मचा हड़कंप

तालिबान ने आगे कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन वे इस्लाम के उसूलों के खिलाफ नहीं जा सकते. बता दें कि तालिबान के आतंक के बाद अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटर रोया समीम पहले ही देश छोर चुकी हैं.

 

‘अफगानिस्तान छोड़कर जाना मेरे लिए यह एक दुखद दिन था. मैं बस रो रही थी. मुझे वास्तव में वह सब कुछ पसंद है जो मेरे पास था. मेरी नौकरी, मेरा क्रिकेट, मेरे साथी, मेरा होमटाउन, मेरे रिश्तेदार. मेरे पास जो कुछ भी था, मैंने उसे पीछे छोड़ दिया है। आज भी मुझे जब ये दिन याद आता है तो में रो पड़ती हूं.’

‘मुझे नहीं लगता कि महिलाओं को क्रिकेट खेलने की इजाजत होगी क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि महिलाएं क्रिकेट खेलें. क्रिकेट में उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जहां उनका चेहरा और शरीर ढका नहीं होगा.

इस्लाम महिलाओं को इस तरह देखने की इजाजत नहीं देता है। यह मीडिया का जमाना है, और इसमें फोटो और वीडियो होंगे और फिर लोग इसे देखेंगे. इस्लाम और इस्लामिक अमीरात महिलाओं को क्रिकेट खेलने या उस तरह के खेल खेलने की इजाजत नहीं देते जहां उनका पर्दाफाश हो जाता है.’

‘क्रिकेट और अन्य खेलों में महिलाओं को इस्लामिक ड्रेस कोड नहीं मिलेगा. यह स्पष्ट है कि वे बेनकाब हो जाएंगे और ड्रेस कोड का पालन नहीं करेंगे, और इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता है.’

अफ़ग़ानिस्तान में इस समय जिस तरह के हालात बने हुए हैं उससे आज पूरी दुनिया वाकिफ है. अफ़ग़ानिस्तान के देश पर हमला करके सरकार बनाने के बाद अब तालिबान ने क्रिकेट पर भी अपना निशाना साधा है.

तालिबान ने अफगानी महिलाओं के किसी भी तरह के खेल खेलने पर सख्त पाबंदी लगा दी है.उनका मानना है कि अगर वहां महिलाएं कोई भी खेल खेलती हैं तो इससे उनके शरीर की नुमाइश होगी.

बता दें कि नवंबर 2020 में ही अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के महिला खिलाड़ियों के लिए सालाना कांट्रैक्ट जारी किया था. इसी के साथ काबुल में 40 महिला खिलाड़ियों के लिए 21 दिन का ट्रेनिंग कैंप भी चलाया गया था .