IMF की पहली महिला चीफ गीता ने हासिल की माइक्रो-इकोनॉमिक्‍स

गीता गोपीनाथ ने पिछले हफ्ते अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की पहली मुख्‍य महिला अर्थशास्‍त्री के तौर पर अपना पद संभाल लिया है। पिछले वर्ष अक्‍टूबर माह में आईएमएफ की मुखिया क्रिस्‍टीन लेगार्ड ने संस्‍था में चीफ इकोनॉमिस्‍ट के तौर पर भारत की गीता के नाम का ऐलान किया था। आईएमएफ के रिसर्च डिपार्टमेंट में इकोनॉमिक काउंसलर और डायरेक्‍टर के तौर पर गीता की नियुक्ति निश्चित तौर पर एक उपलब्धि है। गीता का जन्‍म कर्नाटक राज्‍य के मैसूर में हुआ और फिर उन्‍होंने अपनी स्‍कूली पढ़ाई भी यहीं की। हालांकि अब वह अमेरिकी नागरिक हैं। गीता ने मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह इस जिम्‍मेदारी को संभाला है जो साल 2018 केअंत में रिटायर हो गए हैं। गीता ने आईएमएफ में जो पद संभाला है वह काफी अहमियत वाला पद है।

लेडी श्रीराम कॉलेज की ग्रेजुएट

गीता हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्‍टडीज की प्रोफेसर रह चुकी हैं। सन् 1971 में मैसूर में गीता का जन्‍म हुआ और फिर उन्‍होंने स्‍कूल की पढ़ाई वहीं से की। इसके बाद गीता दिल्‍ली आ गईं और यहां पर लेडी श्रीराम कॉलेज से उन्‍होंने ग्रेजुएशन किया। गीता ने दिल्‍ली स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से मास्‍टर्स किया। गीता को माइक्रो-इकोनॉमिक्‍स में महारत हासिल है। साल 2001 में उन्‍होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्‍स में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की थी। लेगार्ड ने गीता की नियुक्ति करते हुए कहा, ‘गीता दुनिया के कुछ अर्थशास्त्रियों में से एक हैं जिनके पास असाधारण शैक्षिक उपलब्‍धता है और उनके ट्रैक रिकॉर्ड ने भी उनकी योग्‍यता को साबित किया है।’

साल 2001 से शिक्षा के क्षेत्र में

साल 2001 में गीता ने शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर का पद संभाला और फिर साल 2005 में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 2010 में गीता यहां पर फुल टाइम प्रोफेसर बन गईं। वह अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्‍यू की को-एडीटर हैं। इसके अलावा नेशनल ब्‍यूरों ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीईआर) में इंटरनेशनल फाइनेंस एंड माइक्रो-इकोनॉमिक्‍स प्रोग्राम की भी को-डायरेक्‍टर हैं। गीता ने आईएमएफ के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्‍स की हैंडबुक भी लिखी है।

क्‍या है गीता की जिम्‍मेदारी

गीता, आईएमएफ के जिस विभाग की डायरेक्‍टर हैं उसका रोल संस्‍था में सबसे अहम है। आईएमएफ का रिसर्च डिपार्टमेंट दुनिया भर की अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर अध्‍ययन करके सदस्‍य देशों के लिए जरूरी नीतियां तैयार करता है। साथ ही साथ उन मुद्दों पर रिसर्च को अंजाम देता है जो आईएमएफ के लिए अहम होते हैं। इसके अलावा दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था अगले कुछ वर्षों में कैसी होगी इस बारे में भी अनुमान लगाना या भविष्‍यवाणी करना आईएमएफ का ही काम है। गीता, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के बाद दूसरी भारतीय हैं जिन्‍हें इस विभाग की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।