अगर आज पीछे नहीं हटा चीन तो चुकानी पड़ेगी ये कीमत!, होने जा रहा…

हालांकि, पिछले कुछ दिनों से चीन जिस तरह आग उगल रहा है, उससे इस बैठक के नतीजे को लेकर कई सवाल पैदा होने लगे हैं। इससे यह भी आशंका पैदा होने लगी है कि क्या इस मीटिंग का हश्र भी पिछली बैठकों की तरह ही तो नहीं होगा? हालांकि, यदि चीन ऐसा करता है तो उसकी बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है।

 


इस बैठक पर अमेरिका, रूस जैसे ताकतवर मुल्कों के अलावा चीन और भारत के पड़ोसी देशों की भी नजर टिकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं।

हालांकि, चीन ने इस प्रस्ताव को नकार दिया है। इसके बावजूद अमेरिका की खास नजर होगी। चीन भी नहीं चाहेगा कि अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के कारण पहले ही उसकी इकॉनमी को सेंध लग चुकी है।

कोरोना ने इसे जबर्दस्त चोट पहुंचाई है। ऐसे में किसी भी कीमत पर इस मीटिंग से चीन यह संदेश देना चाहेगा कि वह पड़ोसी मुल्कों के साथ दोस्ती और शांति को लेकर प्रतिबद्ध है।

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले एक महीने की तनातनी खत्म करने के लिए आज भारत और चीन की सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होने जा रही है। इस मीटिंग में गलवान एरिया, पैंगोग त्सो और गोगरा एरिया पर चर्चा होने की उम्मीद है और एलएसी पर मई से पहले की तरह स्थिति बहाल करने पर जोर दिया जाएगा।