कबूतर आपके घर में अपना घौंसला बना रहा तो रखे ये सावधानी, चिड़िया और गौरेया का आना…

प्राचीन भारतीय ज्योतिष की ही एक शाखा शकुन शास्त्र विभिन्न संकेतों के आधार पर भविष्यवाणी करती है। इस शास्त्र के आधार पर आप अपने आस-पास होने वाली घटनाओं को देख कर भविष्य बता सकते हैं। शकुन शास्त्र में विभिन्न पशु-पक्षियों और अन्य चीजों को भी भविष्य बताने वाला कहा गया है।

शकुन शास्त्र के आधार पर आपके घर में कौनसा पक्षी या पशु कब आता है, इसका भी उल्लेख किया गया है। उदाहरण के लिए काली चींटियों का आना सौभाग्य और लाल चींटियों का आना दुर्भाग्य का प्रतीक है। इसी प्रकार कबूतर, चिड़ियाओं और गौरेया का आना भी अलग-अलग संकेत देता है। जानिए इन संकेतों के बारे में

बहुत से लोग अपने घरों में कबूतरों के आने से परेशान रहते हैं। इसके लिए वे जालीदार नेट भी लगवाते हैं। परन्तु यह ठीक नहीं है। ज्योतिष में कबूतरों का घर में आना शुभ माना गया है। यदि आपके घर की बालकनी या छत पर कबूतर आते हैं तो उन्हें न भगाएं। वरन उनके लिए दाना, पानी का इंतजाम करें।

कबूतर को उजाड़ प्रदेशों में रहने वाला माना जाता है। वास्तु के अनुसारयदि कबूतर आपके घर में अपना घौंसला बना रहा है तो इसे अशुभ माना जाता है। इससे घर के लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके विपरीत यदि सफेद कबूतर घर में घौंसला बनाता है तो इसे शुभ माना गया है।

चिड़िया और गौरेया का आना है शुभ

यदि कबूतर के बजाय चिड़ियाएं और गौरेया आपके घर में घौंसला बनाएं तो यह सौभाग्य का प्रतीक है। उनके घौंसले को भूल से भी न हटाएं वरन उनके घौंसले के पास ही दाना-पानी का भी इंतजाम कर दें।

तोते और मोर का आना भी माना जाता है शुभ

य़दि घर में कभी तोते या मोर आते हैं तो इसे भी शुभ माना गया है। आप किसी काम को स्टार्ट कर रहे हैं और उसी समय इन पक्षियों के दर्शन हो जाएं तो यह काम पूरा होने का संकेत देता है।

घर में रखें ये सावधानी

घर में आने वाले पशु-पक्षियों को कभी भी बंदी नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करना आपके दुर्भाग्य का कारण बन सकता है। साथ ही घर में आने वाले पक्षियों को बिल्ली, कुत्ते आदि जानवर शिकार न बना लें, इसका भी इंतजाम करें।