मायावती से चल रही है बात, बन जाए तो I.N.D.I गठबंधन यूपी में भरेगा दम

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा में उत्तर प्रदेश में सीटों के तालमेल की गुंजाइश अभी बची है। कानपुर में भाजपा के नेता श्याम बिहारी मिश्र के यहां एक पारिवारिक समारोह में बसपा के दूसरे नंबर पर गिने जाने वाले नेता ने इसके संकेत दिए थे। लखनऊ के सूत्र बताते हैं कि स्थिति की गंभीरता को देखकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व्यवहारिक राजनीति को मजबूती दे रहे हैं। माना जा रहा है कि तालमेल हुआ तो 25-28 सीटें बसपा के खाते में जा सकती हैं।

कांग्रेस से बेहतर तालमेल रखने वाले एक राजनीतिक सूत्र के मुताबिक समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता ने बसपा के रणनीतिकार को 18 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। इनमें से 10 सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा की स्थिति गठबंधन होने की दशा में बहुत मजबूत रहेंगी। 08 सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा का उम्मीदवार कड़ी टक्कर के साथ सीट निकाल सकता है।

हालांकि सूत्र का कहना है कि बसपा की उम्मीदें करीब ढाई दर्जन सीटों पर टिकी हैं। ऐसे संकेत हैं कि 10-15 मार्च के बीच में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का इस्तेमाल हो सकता है। इसी को आधार बनाकर बसपा के एक बड़े नेता ने तीन-चार दिन पहले अमर उजाला संवाददाता को मायावती द्वारा बड़ा निर्णय लिए जाने की जानकारी दी थी। बसपा के नेता कहते हैं कि सबकुछ ठीक रहा तो 2024 की बाजी पलटते देर नहीं लगेगी। लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

मायावती कर चुकी हैं अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा

बसपा-सपा और कांग्रेस के बीच उत्तर प्रदेश में मिलकर लोकसभा चुनाव लडऩे की उम्मीद को बसपा प्रमुख मायावती पहले ही खारिज कर चुकी हैं। मायावती ने घोषणा करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी किसी भी दल से चुनावी तालमेल नहीं करेगी। बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। वैसे हर बार चुनाव को लेकर सबसे पहले उम्मीदवार की घोषणा करने वाली मायावती ने इस बार अभी तक ऐसा नहीं किया है। मायावती का अभी तक उम्मीदवार घोषित न करना भी तमाम तरह की संभावनाओं को बल दे रहा है।