‘अगर कांबले के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई…’, NCP के पदाधिकारी और पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने पर सुप्रिया

भाजपा विधायक सुनील कांबले द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार गुट के एक पदाधिकारी और एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारे जाने का मामला बढ़ता जा रहा है। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने चेतावनी दी है कि अगर अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो वह पीड़ितों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।

यह है मामला
भाजपा विधायक सुनील कांबले का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वे पुणे के ससून अस्पताल में एक कार्यक्रम के दौरान एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मारते दिख रहे। खास बात यह है कि जब यह वाकया हुआ उस वक्त मंच पर डिप्टी सीएम अजित पवार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद एनसीपी के अजीत पवार गुट के पदाधिकारी जितेंद्र सातव ने शुक्रवार को सुनील कांबले पर उन्हें थप्पड़ मारने का आरोप लगाया। सातव ने दावा किया कि कांबले ने कार्यक्रम में उन्हें थप्पड़ मारा था। साथ ही यह भी दावा किया कि कांबले ने एक पुलिसकर्मी पर भी हमला किया। सातव ने बंदगार्डन पुलिस को इस सिलसिले में एक शिकायत दी है।

यह सिर्फ सत्ता है, जो सिर चढ़कर बोल रही
सुप्रिया सुले ने कहा कि यह सिर्फ सत्ता है, जो उनके सिर पर चढ़कर बोल रही है। यह सबसे अपमानजनक है। मुझे लगता था कि भाजपा लोगों का सम्मान करने वाली पार्टी है। लेकिन जिस तरह से उनके विधायक ने एक गठबंधन के कार्यकर्ता और एक पुलिस कर्मी को थप्पड़ मारा है वो बेहद शर्मिंदगी भरा है। तीनों पार्टियों ने नेता को माफी मांगने तक के लिए नहीं कहा है। यह बहुत दुखी करने वाली बात है। क्या वे सभी इतना समझौता कर चुके हैं कि वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त करेंगे?

यहां गुंडागर्दी का राज नहीं
उन्होंने कहा, ‘वे अपने सहयोगियों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन मैं नहीं करूंगी। मैं देवेंद्र फडणवीस से इस पर कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं। अगर वह अगले दो दिनों में कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मैं उस पुलिस अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता के लिए लड़ूगी, जो इस अपमान के लायक नहीं है। हम यहां एक दूसरे का सम्मान करने के लिए हैं। यहां गुंडागर्दी का राज नहीं है।’

गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के यह कहने पर कि पार्टी का ध्यान सभी लोकसभा सीटों पर है, सुप्रिया सुले ने कहा कि हर पार्टी हर सीट पर लड़ना चाहती है और फिर बातचीत होगी कि कौन बेहतर करेगा। आखिरकार सर्वे सभी सीटों के लिए होगा और फिर देखेंगे कि किसकी कहां ज्यादा ताकत है। गठबंधन ऐसे ही काम करते हैं।