आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक से के बाद अब संदीप बक्शी बैंक के नए CEO व MD होंगे। बैंक ने जून में ही उन्हें बैंक का COO नियुक्त किया था। अब उन्हें नयीजिम्मेदारी दी गई है। उन्हें दूसरी सब्सिडियरीज में भी अहम पद दिए जाएंगे। दरअसल, चंदा कोचर के विरूद्ध वीडियोकान कर्ज मामले में चल रही आंतरिक जांच के बाद बैंक बोर्ड ने बोला कि चंदा के हटने से जांच प्रभावित नहीं होगी। बख्शी तत्काल असर से संभाल लेंगे। इससे पहले वह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल जीवन इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यपालक ऑफिसर (सीओओ) रहे हैं।
संदीप बख्शी को राष्ट्र के एक जरूरी बैंक में इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, ऐसे में स्वभाविक है कि लोग इनके बारे में जानना चाहेंगे। हमने पाठकों की इसी ख़्वाहिश का ख्याल रखते हुए संदीप बख्शी के ज़िंदगी से जुड़ी कुछ बातें जुटाने की प्रयास की है। ये सारी जानकरियां उनके पुराने साक्षात्कार व उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल से जुटाए गए हैं। आइए जानते हैं
संदीप बख्शी के ज़िंदगी से जुड़ी 10 बातें-:
1. मूलरूप से पंजाब के रहने वाले संदीप बख्शी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से की है।
2. 57 वर्षीय संदीप का बहुत ज्यादा वक्त झारखंड के जमशेदपुर में भी बीता है। उन्होंने मैनेजमेंट की पढ़ाई यहां के जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (XLRI) से की है।
3. सोशल मीडिया के सुपरस्टार संजीव श्रीवास्तव उर्फ डब्बू अंकल एक्टर गोविंदा के फैन हैं। अच्छा उसी तरह संदीप बख्शी भी गोविंदा के फैन हैं। वे उनकी फिल्में देखते हैं। इसके अतिरिक्त संदीप देव आनंद व शशि कपूर की फिल्में भी खूब देखते हैं।
4. ICICI बैंक के नए चेयरमैन भले ही कॉर्पोरेट जगत में जॉब करते हैं, लेकिन उनका मन गांव में बसता है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें प्रेमचंद का प्रसिद्ध उपन्यास ‘गबन’ पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद है। इसके अतिरिक्त ‘उसने बोला था’ उपन्यास बहुत ज्यादा पसंद है।
5. खाली वक्त में दिल बहलाने के लिए संदीप एचडी बर्मन, ओप नय्यर व मदन मोहन के गाने सुनते हैं।
6. संदीप को जंगल व जंगली जानवरों से से बेहद लगाव है, यूं कहें की प्रकृति प्रेमी हैं। उन्हें जब कभी मौका मिलता है वे जंगल में घूमने चले जाते हैं। आमतौर पर सालभर में वे 5-6 ट्रिप जंगल की कर लेते हैं। उनका फेवरेट डेस्टिनेशन राजस्थान का बेरा (Bera) जंगल है। जमशेदपुर का दल्मा वन्यजीव अभयारण्य जाना भी उन्हें बहुत ज्यादा पसंद है।
7. संदीप की अच्छाई है कि वे अपने परिवार को भरपूर वक्त देते हैं। वे कभी भी कार्यालय का कार्य घर पर नहीं करते हैं व न ही घर के कार्य को कार्यालय में ले जाते हैं। वर्ष के 365 दिनों को उन्होंन इस तरह से मैनेज किया है कि वे कार्यालय व परिवार दोनों को सही वक्त दे पाएं।
8. साल 1983 में उन्होंने ओआरजी (ORG) सिस्टम्स कंपनी से अपनी जॉब की आरंभ की थी।
9. उन्होंने 12वीं के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की प्रवेश इम्तिहान पास की थी, लेकिन उन्होंने इसे बीच में ही छोड़ दिया।
10. वे रिटायरमेंट को लेकर बिल्कुल भी फिक्रमंद नहीं हैं। वे कहते हैं उनके ज़िंदगी जीने का फलसफा है- ‘मैं तो चला, जिधर चले रास्ते। ‘