ट्रंप प्रशासन में उपराष्ट्रपति बनकर सम्मानित महसूस करूंगा, राष्ट्रपति चुनाव पर बहस के बीच बोले रामस्वामी

भारतीय-अमेरिकी करोड़पति उद्यमी विवेक रामस्वामी जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था, उन्होंने अब ट्रंप प्रशासन में उपराष्ट्रपति बनने के लिए अपनी उत्सुक्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह ट्रंप प्रशासन में उपराष्ट्रपति के रूप में खुद को सम्मानित महसूस करेंगे। रामस्वामी ने यह स्पष्ट किया कि ट्रंप अभियान के दौरान उनसे संपर्क नहीं किया गया है। 38 वर्षीय रामस्वामी जनवरी में राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर हो गए थे।

एटलांटा में राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच राष्ट्रपति पद के लिए जारी डिबेट के बीच रामस्वामी ने कहा, “मैं डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक चीज सोच रहा हूं, वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए बहुत महत्वकांक्षी हैं। वह अपने पहले कार्यकाल से भी अधिक शक्तिशाली होंगे।”

रामस्वामी से रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति चुने जाने को लेकर भी सवाल किया गया। उन्होंने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें अभी तक इसके बारे में नहीं पूछा गया, लेकिन ट्रंप प्रशासन में उपराष्ट्रपति बनकर वह खुद को सम्मानित महसूस करेंगे। रामस्वामी ने कहा, “भविष्य को लेकर हमने बहुत बातें की। उन्होंने मुझे अपना उप-राष्ट्रपति बनाने को लेकर कोई बात नहीं की। वह पूछते हैं कि क्या उनमें देश की सेवा करने और अमेरिका प्रथम की भावना को आगे बढ़ाने की क्षमता है।”

बाइडन-ट्रंप की बहस पर कैलिफोर्निया के गर्वनर ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले गुरुवार को जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप को लेकर 90 मिनट तक बहस चली। इस दौरान कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने कहा कि बाइडन-ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र विश्व के नेता का चुनाव है। इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इसका प्रभाव पूरे विश्व में पड़ने वाला है। इसे दुनिया भर में महसूस किया जाएगा। यह एक स्वतंत्र विश्व के नेता का चुनाव है। अमेरिका मायने रखता है। यह हमारे साधारण अधिकार नहीं बल्कि नैतिक अधिकार के बारे में है। भारत-अमेरिका के संबंधों पर बात करते हुए गेविन न्यूसम ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भारत सबसे महत्नपूर्ण साझेदार की भूमिका निभाने जा रहा है।”

डेमोक्रेटिक फंडरेजर अजय भुतोरिया ने कहा, “राष्ट्रपति बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के डिबेट का मतलब है अंधेरे और प्रकाश के बीच चर्चा। यह चर्चा प्रगति और प्रतिगमन के बीच है। उन्होंने आगे कहा, हमने देखा कि ट्रंप प्रशासन के तहत विनिर्माण क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां खत्म हुईं। बाइडन प्रशासन में हमने स्थिरता देखी, सभी समुदाय को एक साथ लाने का प्रयास और बुनियादे ढांचे में बड़ा निवेश देखा।”