चीन में आई ये बड़ी आफत, जान बचाकर भाग रहे लोग , राष्‍ट्रपति जिनपिंग के उड़े होश

झिकियांग ने पार्टी की उस शर्त को मान लिया है कि वह अपनी सजा के खिलाफ अपील भी नहीं करेंगे। कोर्ट का कहना है कि रेन ने लोगों से घूस ली और पब्लिक फंड का दुरुपयोग किया।

 

वह चीन की सरकार रियल एस्‍टेट कंपनी हुनयान प्रॉपर्टीज के चेयरपर्सन थे। रेन पर गोल्‍फ मेंबरशिप कार्ड्स की खरीददारी का आरोप भी शामिल है। शिचेंग डिस्ट्रिक्‍ट के अनुशासन निरीक्षण आयोग की तरफ से बनाई गई डिस्ट्रिक्‍ट सुपरवाइजरी कमेटी की तरफ से सजा का ऐलान किया गया है।

उन्‍हें मार्च में उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था जब उन्‍होंने कोरोना वायरस महामारी पर शी जिनपिंग की आलोचना की थी। इसी आलोचना के तहत उन्‍होंने जिनपिंग को जोकर करार दिया था। सीपीसी ने झिकियांग पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है। झिकियांग, जिनपिंग के मुखर आलोचकों में से एक हैं। अप्रैल में उनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी।

जुलाई में जब उन्‍हें पार्टी से निकाला गया तो माना गया था कि सीपीसी इस कार्रवाई के बाद देश के बिजनेस क्‍लास को सख्‍त संदेश देना चाहती है। पार्टी के निकाले जाने के अलावा कोर्ट की तरफ से रेन को निकाले जाने का ऐलान किया गया था।

कोर्ट ने जो आदेश सुनाया था उसमें कहा गया था कि रेन ने गंभीर तौर पर पार्टी के राजनीतिक, संगठनात्‍मक और उसकी अखंडता को तोड़ा है। साथ ही उन्‍होंने काम और अपनी जिंदगी में अनुशासनहीनता बरती है।

चीन में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करना कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के सदस्‍य को रेन झिकियांग भारी पड़ गया है। झिकियांग को अब 18 साल की सजा जेल में काटनी होगी।

सीपीसी ने जुलाई में उन पर भ्रष्‍टाचार और दूसरे आरोप लगाए थे और अब भ्रष्‍टाचार के आरोपों के चलते ही उन्‍हें सजा सुनाई गई है। झिकियांग ने जिनपिंग को अपने एक आर्टिकल में ‘जोकर’ करार दिया था। 69 साल के झिकियांग चीन के बिजनेस टायकून हैं और रियल एस्‍टेट कंपनी के पूर्व चेयरपर्सन रह चुके हैं।