कोरोना काल के बीच कांग्रेस की ये योजना भर रही देश के गरीब और मजदूरों का पेट, जानिये कैसे

कोरोना संकट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) एक बार फिर गांव; गरीब और मजदूरों का सहारा बनी है। कल तक मनरेगा को बंद करने की वकालत करने वाले भी इस अनूठी योजना के तहत विभिन्न कार्यों को संचालित करने की सलाह देने लगे हैं।

केंद्र व प्रदेश सरकारों को भी मनरेगा में ही भुखमरी और बेरोजगारी का इलाज नजर आ रहा है।विशेषज्ञों के नुसार मनरेगा एक बेहतर जरिया है, जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के जल संसाधनों, कृषि संसाधनों; कृषि उपयोगी खाद्य भंडारों एवं कचरा निस्तारण समेत अनेकों काम किए जा सकते हैं।

मनरेगा के फंड में इजाफा कर और भी कई तरह के लघु उद्योग शुरू किये जा सकते हैं। यदि खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग को मनरेगा से जोड़ दिया जाए तो इस योजना की उपयोगिता और ही बढ़ सकती है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरों से अपने परिवारों के साथ गांव लौटने वाले लोगों के तत्काल इनके जॉब कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।