हार्मोन्स के असंतुलन से होती है कई सारी बीमारिया, करे समय पर उपचार

हार्मोन्स के असंतुलन से पुरुषों में हाइपोगोनोडिज्म रोग होता है. इसमें उनके अंडकोश का विकास नहीं हो पाता. इससे शरीर के मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव होता है जिससे धीरे-धीरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है. इससे हार्ट डिजीज और अटैक के साथ ब्लड प्रेशर और अन्य रोग हो सकते हैं. चलते-फिरते या हल्की चोट से भी जिनकी हड्डियां टूट जाती हैं उनके हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं. ऐसा पैराथायरॉइड हार्मोन की अधिकता से होता है.

हार्मोन्स का काम
हार्मोन्स कोशिका या ग्रंथि से निकलने वाले रसायन हैं. शरीर में 230 से अधिक प्रकार के हार्मोन्स होते हैं. ये कोशिकाओं तक सूचना पहुंचाकर मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम पर प्रभाव करते हैं. हार्मोन्स का ठीक बैलेंस फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण है.

मास्टर ग्लैंड में परेशानी ( Hormonal Imbalance Causes )
पिट्यूटरी ग्रंथि (मास्टर ग्लैंड) में गांठ बनना, कुछ दवाओं का साइड इफैक्ट, बेकार जीवनशैली, फैमिली हिस्ट्री, तनाव, व्यायाम की कमी,जंकफूड, कॉफी, चाय और सॉफ्ट ड्रिंक्स लेना भी हार्मोन असंतुलन की अहम वजह है.

ये दिक्कतें भी होतीं
हार्मोन असंतुलन से मूड बेकार रहता है. चिड़चिड़ापन, चेहरे और शरीर पर मुहांसे, अधिक बाल उगते हैं. पुरुषों में असंतुलन से चेहरे पर अधिक दाढ़ी-मूंछ आना या बिल्कुल ही न आना. समय पूर्व आयु बढऩे जैसे लक्षण, स्त्रियों में गर्भधारण में बाधा, अनियमित माहवारी और निसंतानता, थायरॉइड की समस्या होती है. हड्डियां कमजोर, वजन बढऩा, यूट्राइन फायब्रॉइड, यूटीआई, स्कीन संबंधी समस्याएं और बाल झडऩा आदि इसके लक्षण हैं.

समय पर उपचार जरूरी
लक्षणों के अनुसार उपचार होता है. स्त्रियों में हार्माेन्स असंतुलन से सबसे ज्यादा पीसीओडी की समस्या होती है. समय पर उपचार के अभाव में अन्य समस्या हो सकती है. यूट्रस की अंदरुनी परत पतली, अर्ली  लेट मेनोपॉज, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में बाल अधिक उगना या कुछ प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं. मरीज रिफाइंड प्रोडक्ट, मैदा और बेसन कम खाए. इनमें कैलोरी अधिक होती है जो फैट के रूप में जम जाती है. गेहूं, चना आदि खाएं.

इस तरह बचें ( Hormonal Imbalance Cure )
नियमित कम वसायुक्त और अधिक रेशेदार भोजन करें. ओमेगा-3 और 6 फैटी एसिड से युक्त सूरजमुखी के बीज, सूखे मेवे हार्मोन संतुलन में सहायक हैं. शरीर में पानी की कमी न होने दें, रोज 3 लीटर पानी पीएं. 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें. नियमित व्यायाम करें, हफ्ते में 5 दिन कोई भी अभ्यास करें. चाय, कॉफी से बचें, शराब आदि दूसरे प्रकार के नशे से दूर रहें. केला, नाशपाती और सेब खाएं.