शाहीन बाग़ में ही प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रखी ये शर्त अब मिलने जा सकते है गृहमंत्री अमित शाह

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग़ में 15 दिसंबर से लोग सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं.अब लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहे लोगों के एक वर्ग का कहना है कि वो कल यानी 16 फ़रवरी को गृहमंत्री अमित शाह से मिलने जाएंगे.

शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अमित शाह के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि “गृहमंत्री ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है और वो कल उनसे मिलने जाएंगे.”

हालांकि शाहीन बाग़ में ही प्रदर्शन कर रहे एक शख़्स ने कहा कि एक वर्ग है जिसका कहना है कि वो अमित शाह से मिलने नहीं जाएगा.

बीबीसी से बातचीत में इस शख़्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, “हमारी शुरू से ही मांग रही है कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी यहां आएं. यहां जो भी बात हो उसे लाइव प्रसारित किया जाए.”

लेकिन फिर ये प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों?

इस पर उन्होंने कहा “बेशक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है लेकिन उनमें कोई आयोजक नहीं था. अभी तक सरकार की तरफ़ से भी कोई सूचना नहीं है.”

शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि सरकार नागरिकता संशोधन क़ानून वापस ले.

हालांकि दो महीने से अधिक का समय गुज़र जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं पहुंचा था.

लेकिन 13 फ़रवरी को एक निजी चैनल से बात करते हुए जब शाहीन बाग़ से जुड़ा सवाल पूछा गया तो केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि सरकार हर किसी से बात करने को तैयार है, जिसके मन में भी नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर किसी तरह का सवाल है वो आकर बात करे.

उन्होंने कहा, ”क़ानून में ऐसा कौन सा प्रावधान है जिससे लोग महसूस कर रहे हैं कि यह मुसलमानों के ख़िलाफ़ है, देश के ख़िलाफ़ है. अंदेशे में आंदोलन नहीं होते. अगर आपत्ति है तो बात करें. मैं तैयार हूं. संसद में मैंने हर सवाल का जवाब दिया. आपत्ति क्या है, बताइए. जिसे भी समस्या है वो मेरे ऑफ़िस से मिलने का वक़्त मांगे. मैं तीन दिन के अंदर मिलूंगा और चर्चा करूंगा. जो भी आना चाहे मैं सबसे मिलने को तैयार हूं लेकिन चर्चा किसी को करनी नहीं है. क्योंकि मेरिट पर चर्चा करनी पड़ेगी.”

केंद्रीय गृह मंत्री की ओर से मिले इस प्रस्ताव के बाद शाहीन बाग़ में शनिवार दोपहर क़रीब दो बजे एक प्रेस-मीटिंग हुई. जिसमें प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि वे 16 फ़रवरी को अमित शाह से मुलाक़ात करने के लिए जाएंगे.

प्रदर्शन में शामिल एक शख़्स ने कहा यहां जो भी फ़ैसला लिया जाएगा वो हर किसी की सहमति से ही लिया जाएगा. ऐसा नहीं होगा कि कोई विशेष दल फ़ैसला ले ले.

‘कोई विशिष्ट मंडल नहीं जाएगा’

प्रदर्शन में शामिल एक बुज़ुर्ग महिला ने कहा, “मुलाक़ात के लिए पूरी जनता को जाना है. हर किसी से गुज़ारिश है कि हम सभी को अमित शाह और मोदीजी से मिलने के लिए जाना है. पूरा इंडिया उनसे मिलने जाएगा.”

हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी एक फ़रवरी को यह कहा था कि सरकार शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों से नागरिकता संशोधन क़ानून पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत व्यवस्थित तरीक़े से होनी चाहिए.

ये पहली बार था जब किसी केंद्रीय मंत्री ने शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों से बातचीत को लेकर सरकार की मंशा रखी थी.

इससे पहले 14 फ़रवरी की मध्यरात्रि को शाहीन बाग़ में लोगों ने पीएम मोदी को शाहीन बाग़ आने का न्यौता भी दिया था.

शाहीन बाग़ में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे एक प्रदर्शनकारी और आयोजकों में से एक शख़्स ने कहा, “अमित शाह ने कहा है कि जिस किसी को भी इस क़ानून से दिक़्क़त है वो मेरे पास आए. शाहीन बाग़ को दिक़्क़त है तो शाहीन बाग़ आए. मैं अमित शाह जी से कहना चाहूंगा कि हम कल दो बजे आ रहे हैं. कल पूरा हिन्दुस्तान उनसे मिलने पहुंचेगा. शाहीन बाग़ ने हिंदुस्तान को न्यौता नहीं दिया है अमित शाह जी ने दिया और कल उनसे मिलने पूरा हिंदुस्तान पहुंचेगा.”

हालांकि प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि गृहमंत्री से मिलने कोई विशिष्ट मंडल नहीं जाएगा.

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “शाहीन बाग़ से कोई विशिष्ट मंडल उनसे मिलने जाएगा. यहां का एक-एक बच्चा, एक एक औरत और मर्द उनसे मिलने जाएगा. और इस बात को लेकर कोई शक़ नहीं है. हर शख़्स उनसे मिलने जाएगा जिसे इस क़ानून से परेशानी है.”

प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि पीएम मोदी जिन बहनों का नाम बार-बार लेते हैं वो कल उनसे मिलने जाएंगी.

प्रदर्शन में पहले दिन से शामिल एक बुज़ुर्ग महिला ने कहा, “अमित शाह ने हमें मिलने के लिए बुलाया है और हम जाएंगे बात करेंगे.”

लेकिन क्या बातचीत से हल निकलने की उम्मीद है?

इस पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि उन्होंने बात करने के लिए कहा, हम जा रहे हैं.

हालांकि यह बातचीत कहां होगी, कितने लोगों के साथ होगी… इस संबंध में सरकार की ओर से कोई भी जानकारी अभी तक नहीं मिली है.