महाराष्ट्र में नहीं बदला इतिहास, एक बार फिर तय हुआ वो…

महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से अच्छा पहले भाजपा ने किसन शंकर कथोरे का नाम वापस ले लिया है भाजपा के नाम वापसी के बाद अब तय हो गया है .

कि ‘महाराष्ट्र विकास आघाड़ी’ के उम्मीदवार नाना पटोले निर्विरोध महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष चुने जाएंगे महाराष्ट्र के इतिहास में अभी तक यही परंपरा रही है कि होता है कांग्रेस पार्टी ने उम्मीद जताई थी कि भाजपा इस परंपरा को कायम रखने में मदद करेगी  अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लेगी

महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद रविवार को उद्धव ठाकरे सरकार के सामने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की चुनौती थी महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बोला कि बीजेपी ने कल महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किसान कथोरे को नामित किया था

लेकिन, नयी सरकार के अनुरोध के बाद हमने कथोरे की उम्मीदवारी वापस लेने का निर्णय किया है प्रोटेम स्पीकर दिलीप वाल्से पाटिल ने आज स्पीकर चुने जाने के लिए ऑल पार्टी बैठक बुलाई थी इसी दौरान यह निर्णय हुआ इसी बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट करते हुए बोला है कि मजबूत होने का मजा ही तब है, जब सारी संसार निर्बल करने पर तुली हो

नाना फागुन राव पटोले ने पॉलिटिक्स की आरंभ कांग्रेस पार्टी से की थी लेकिन वर्ष 2008 में वो पार्टी से अलग हो गए थे करीब एक वर्ष तक निर्दलीय रहने के बाद उन्होंने वर्ष 2009 में बीजेपी का दामन थामा था वर्ष 2014 में बीजेपी के टिकट पर वो लोकसभा चुनाव में उतरे उनके सामने थे केंद्रीय मंत्री  एनसीपी के हैवीवेट नेता प्रफुल्ल कुमार पटेल उन्होंने इस चुनाव में प्रफुल्ल पटेल को करीब डेढ़ लाख वोटों से मात दी थी

हालांकि तीन वर्ष बाद 2017 में नाना पटोले पहले सांसद बने जिन्होंने भाजपा के विरूद्ध आवाज बुलंद की विवादों के कारण उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी थी तब उन्होंने पार्टी शीर्ष नेतृत्व पर बहुत ज्यादा आरोप भी लगाए थे जिनसे बाद में मना कर दिया था एक वर्ष बाद उन्होंने फिर से कांग्रेस पार्टी में घरवापसी कर ली उनके कांग्रेस पार्टी में ज्वाइन करने पर खुद राहुल गांधी ने उनका स्वागत किया था नाना पटोले सकोली विधानसभा सीट से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं