देश के इन दो राज्यों में जारी हुआ हाई अलर्ट, दो महीने का राशन व ईंधन लोगो ने किया जमा

नागालैंड शांति समझौता अब अपने अंतिम चरण में है. ऐसे में नागालैंड व मणिपुर दोनों राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. दरअसल केन्द्र सरकार व NSCN (नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड) के बीच बातचीत अपने अंतिम चरण में है. ऐसे में अधिकारियों को संभावना है कि, बातचीत के नतीजे से कुछ गुटों में नाराजगी पैदा हो सकती है. नागालैंड के डीजीपी टी जॉन लॉन्गकुमर ने बताया कि लगभग 60 सालों से लटके नागा शांति समझौते पर दस्तखत किया जाना सबसे अधिक कठिन कार्य होने कि सम्भावना है.

जॉन ने बोला है कि सशस्त्र पुलिस की सात रिजर्व बटैलियन को स्टैंडबाइ पर रखा गया है. इसके अतिरिक्त दो महीने का राशन व ईंधन भी जमा करके रख लिया गया है. मणिपुर के उखरूल जिले में प्रशासन ने सिविल सप्लाइ डिपार्टमेंट से आवश्यक सामान जमा करके रखने को कह दिया है ताकि किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर सप्लाइ में बाधा न हो. बताते चलें कि उखरूल में ही NSCN (IM) के महासचिव थुइंगलैंग मुइवाह का जन्म हुआ था.

नागालैंड के बाहर सबसे अधिक नागा आबादी मणिपुर में रहती है. यहां पुलिस प्रशासन ने इंफाल वेस्ट जिले के सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी है. NSCN (IM) की पहली मांग यह है कि ऐसे सभी इलाकों का एकीकरण किया जाए, जहां नागा लोग रहते हैं. मणिपुर हमेशा इसके विरूद्ध रहा है. जब जॉन से यह पूछा गया कि आखिर अब जब समझौता अपने आखिरी चरण में पहुंच गया है, नागालैंड अनिश्चितता के लिए क्यों तैयार है, तो उन्होंने बोला कि ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ गुट फैसला से सहमत हो सकते हैं, व कुछ नहीं. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि नागा लोग अलग झंडे व अलग संविधान की मांग कर रहे हैं.