अयोध्या विवाद पर पूरे शहर में हाई अलर्ट, शांति व्यवस्था को खतरा धारा 144 लागू

अयोध्या फैसले को लेकर पूरे शहर में हाई अलर्ट है। प्रमुख चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात है। इसके बावजूद आशंकाओं के चलते बाजारों, सड़कों पर सन्नाटा पसर गया है। लोग घर पर ही पल-पल के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

अयोध्या पर न्यायालय का फैसला आने से पहले अधिकारियों ने सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया। पूरे शहर को तीन सुपरजोन, 14 जोन व 56 सेक्टर में बांटा गया है। सुपर जोन की सुरक्षा एसपी व एडीएम स्तर के अधिकारी, जोन की सुरक्षा सीओ व एसडीएम स्तर के अधिकारी और सेक्टर में मजिस्ट्रेट व दारोगा फोर्स संग तैनात होंगे। इसके साथ ही पुलिस ने शहर में 756 लोगों को चिन्हित किया है, जिनसे शांति व्यवस्था को खतरा है। उन सभी को दो लाख से पांच लाख रुपये तक की मुचलका राशि से पाबंद किया गया है। फैसला आने के बाद कई लोगों को नजरबंद भी किया जाएगा।

एडीजी प्रेम प्रकाश और आइजी मोहित अग्र्रवाल ने शुक्रवार को रेंज दफ्तर में बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इसके बाद रावतपुर, सैयद नगर आदि स्थानों पर भ्रमण कर जनता से वार्ता कर माहौल बेहतर बनाने के लिए कहा। उन्होंने मिश्रित आबादी वाले इलाकों में धर्मस्थलों की सुरक्षा के लिए स्थानीय कमेटी भी बनवाई है। जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। साथ ही सभी अधिकारियों व थानेदारों को लगातार बैठकें, चौपालें आयोजित करने के लिए कहा।

एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि जिलों में पर्याप्त फोर्स है। सभी लोग अलर्ट रहें और जनता के बीच रहकर माहौल बेहतर बनाने की कोशिश करते रहें। कोर्ट का फैसला आने के बाद एक स्थान पर भीड़ न जुटने दें। पान की दुकानों, चाय के होटलों आदि पर भी लोग एकजुट न होने पाएं। आइजी मोहित अग्र्रवाल ने बताया कि कानपुर शहर में एक कंपनी आरएएफ और दो कंपनी पीएसी भी तैनात की गई है। 204 संवेदनशील स्थानों पर फोर्स के साथ स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी लगाए गए हैं। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए थानेवार सिपाही तैनात किए गए हैं।

यह होगी फोर्स

एसपी – 06

सीओ – 15

इंस्पेक्टर – 70

दारोगा – 400

सिपाही – 5000

पीएसी – दो कंपनी

आरएएफ- एक कंपनी

सिविल डिफेंस कार्यकर्ता- 2000

एस-10 सदस्य- 5000

क्यूआरटी – 100

रूफटॉप ड्यूटी- 1000

शहर के 204 प्वाइंट पर दिन-रात अलर्ट

सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माने गए 204 प्वाइंट्स पर दिन-रात फोर्स मुस्तैद रहेगी। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्र्रवाल ने बताया कि इसमें से 100 स्थानों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी लगाए गए हैं। गली मोहल्लों में चौपाल आयोजित कराई जा रही है। व्यापारी संगठनों, धर्म गुरुओं के अलावा धर्मस्थल समितियों की बैठक में भी सौहार्द की अपील की जा रही है।

रिकार्डिंग पर लगाए गए 200 से ज्यादा नंबर

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अराजक तत्वों को चिह्नित करने के साथ ही अधिकारियों ने शहर के 200 से ज्यादा व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों पर हो रही बातचीत को रिकार्ड करना शुरू किया है। साथ ही फेसबुक, वाट्सएप, ट्विटर आदि सोशल साइट्स पर चल रहे संदेशों पर भी नजर रखी जा रही है। फैसला आने के बाद पूर्व में विवादों की वजह बने कई लोगों को नजरबंद भी किया जा सकता है। एसएसपी ने अपील की है कि लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच समझकर करें। आपत्तिजनक मैसेज फारवर्ड करने पर भी मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। उनके खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।