यहाँ महंगे प्लेन में बैठ रहे अमीर तो वही रिक्शा खरीदकर बीवी बच्चो के साथ 1600 किमी की यात्रा पर निकला ये शख्स

लॉकडाउन के तीसरे टर्म में मिली ढील के बाद कई राज्यों से स्पेशल ट्रेन चलवा कर लोगों को अपने घर पहुंचाया जा रहा है।  आज बिहार जमुई जिले में एक ऐसे प्रवासी मजदूर से हमारी मुलाकात हुई। ये प्रवासी अपने बीबी-बच्चों के साथ दिल्ली से फरक्का लौट रहा है।

जमुई के सिकंदरा चौक पर जब हमने इन्हें देखा तो रिक्शे पर लदा सामान और चालक की स्थिति देख हैरानी हुई। फिर उनसे बातचीत की तो पता चला कि लॉकडाउन ने किस कदर रोज कमाने खाने वाले लोगों की जिंदगी खराब की है।

गोविंदा ने बताया कि लॉकडाउन लगने से पहले एक महीने में उसने 16 हजार रुपये की कमाई की। लॉकडाउन लगने के बाद ग्यारह हजार रुपये खाने-पीने में खर्च हो गए। शेष बचे पांच हजार रुपये में 48 सौ में रिक्शा खरीदा और अपने पत्नी एवं छोटे बच्चे को बिठाकर दिल्ली के बागपत नगर से अपने घर फरक्का के सब्दलपुर के लिए निकले हैं।

रिक्शा चालक ने अपना नाम गोविंदा मंडल बताया। गोविंदा पश्चिम बंगाल के फरक्का के रहने वाले हैं। दिल्ली के बागपत इलाके में राजमिस्त्री का काम किया करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद रोजी-रोटी छिन गई तो जैसे-तैसे वहां गुजारा कर रहे थे। जब भूखमरी की स्थिति आन पड़ी तो घर