जानिए मजदूरों का हाल हुआ बेहाल, बोले अब कभी वापस…

जिनकी मेहनत के बलबूते शहर की रौनक बढ़ी अब वही बेगाने हो गए। खराब दौर आया तो लोगों ने मुंहमोड़ लिया। जब तक जेब में पैसे थे वो रुके।

 

लेकिन, अब हिम्मत टूट चुकी है और शहर से ऐसा दिल टूटा है कि अब वो वापस भी नहीं जाना चाहते।शनिवार की सुबह पंजाब  से अपनी मोटरसाइकिल से अपनी पत्नी व बच्चे के साथ चले राजपाल रविवार दोपहर दो बजे मुरादाबाद पहुंचे।

शरीर टूटने लगा तो पेड़ की छांव में सुस्ताने के लिए बैठ गए। वे बताते हैं कि सिलाई का काम करके वह 15 से 20 हजार रुपये महीना कमा रहे थे। लेकिन, अब मालिक ने मना कर दिया है।

कुछ दिन तो वहां रुके लेकिन, काम न होने के कारण जमा पूंजी भी खत्म होने लगी। ऐसे में वो आजमगढ़ में अपने गांव के सफर पर निकल पड़े।

जिंदगी के आगे के सफर पर उनकी आवाज कांप उठती है, कहते हैं कि गाढ़ी कमाई से शहर में एक प्लॉट खरीदा था लेकिन, अब अपनी माटी में ही गुजर बसर कर लेंगे। स्थिति सामान्य होने पर एक बार पंजाब जाएंगे जरूर लेकिन, सिर्फ इसलिए कि जमीन का वह टुकड़ा बिक जाए।

आपातकालीन स्थिति में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा यह प्रतिबंध लगाया जाता है। जिस शहर को लॉकडाउन किया जाता है.

उस शहर में कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल सकता है। वह स्वयं को घर में कैद कर लेता है। मात्र अति आवश्यक कार्य के लिए लोग घर से बाहर निकल सकते हैं।