अपने खास नेताओं को टिकट दिलवाने के लिए कुमारी सैलजा की जिद से कांग्रेस पार्टी में बगावत प्रारम्भ हुई है, जिसके बाद उनके लिए चुनाव जितवाना नाक का सवाल बन गया है. हरियाणा में मौजूदा सियासी समीकरणों को देखते हुए भले ही धुर विरोधी रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व राज्यसभा मेम्बर कुमारी सैलजा इस वक्त एक होकर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का झंडा उठाए हुए हैं, लेकिन सूबे में अंबाला संसदीय क्षेत्र ऐसा हैं, जहां सैलजा व हुड्डा की विचारधारा आज भी आमने-सामने हैं. सैलजा ने यहां टिकट वितरण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की नहीं चलने दी.
हुड्डा अंबाला संसदीय क्षेत्र की नौ विधानसभा सीटों में से सिर्फ दो सीटों मुलाना व अंबाला कैंट पर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को उतरवाना चाहते थे. मुलाना सीट से सैलजा की सहमति के चलते हुड्डा पूर्व मंत्री फूलचंद के बेटे वरुण को टिकट दिलवाने में सफल भी रहे, लेकिन अंबाला कैंट सीट पर हुड्डा चहेते पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा को टिकट नहीं दिलवा पाए. हुड्डा ने चित्रा की टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. मगर सैलजा की जिद के आगे हुड्डा की एक नहीं चली.
सूत्रों के अनुसार, चित्रा की टिकट के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने वहां उपस्थित लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं को सहमत भी कर लिया था. मगर जब इस बारे में सैलजा की राय मांगी गई, तो सैलजा ने चित्रा को टिकट देने से इंकार कर दिया.
सूत्रों के अनुसार, इस दौरान जब हुड्डा समर्थक नेताओं ने सैलजा पर दबाव बनाने की
प्रयास की तो सैलजा ने
मीटिंग के दौरान ही प्रदेशाध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी
. जिस पर सोनिया गांधी ने सैलजा की बात को ऊपर रखते हुए सैलजा के पंसद का ही प्रत्याशी उतारने पर रजामंदी जता दी
.
इस पर सैलजा ने तुरंत वेणु सिंगला अग्रवाल का नाम आगे बढ़ा दिया व कमेटी ने भी वेणु के नाम पर मोहर लगा दी. वहीं अंबाला में सैलजा व निर्मल की लड़ाई में अब कांग्रेसी दो धड़ों में बंट गए. इसी तरह सैलजा ने नारायणगढ़, सढौरा, जगाधरी, यमुनानगर, पंचकूला, नांगलचौधरी, उकलाना, नारनौंद, बावल, असंध व बरवाला सीट से भी अपने खेमे के नेताओं को टिकट दिलवाया.
हुड्डा के खास पूर्व मंत्री चौधरी निर्मल सिंह की बेटी का टिकट कटने के बाद पूर्व मंत्री ने सैलजा के
विरूद्ध मोर्चा खेाल दिया है
. खुद चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके निर्मल सिंह अब अपने बेटी संग फिर से रण में कूद चुके हैं
. निर्मल सिर्फ अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी बेटी को कैंट से
व खुद अंबाला सिटी से सैलजा के प्रत्याशियों के
विरूद्ध चुनाव लड़ने का
निर्णय लेते हुए नामांकन दाखिल कर दिया है
. निर्मल का मुकाबला अब अंबाला सिटी सीट से सैलजा के पसंदीदा प्रत्याशी पूर्व विधायक जसबीर मल्लौर से है
व बेटी चित्रा अंबाला कैंट से
कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी वेणु सिंगला अग्रवाल को टक्कर देगी
.
हिम्मत ने भी खोला सैलजा के विरूद्ध मोर्चा
सैलजा ने अंबाला सिटी से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर पिछली बार चुनाव लड़ने वाले निगम पार्षद हौसला सिंह की टिकट भी इस बार कटवा दी है. हौसला भी निर्मल सिंह के खास समर्थक हैं. सैलजा ने इस बार सिटी से बीजेपी छोड़ कांग्रेस पार्टी में आए अपने समर्थक पूर्व विधायक जसबीर मलौर को टिकट दिलवाया है. इसी बात को लेकर हौसला सिंह ने भी सैलजा के विरूद्ध मोर्चा खेालते हुए बागी हुए निर्मल सिंह का खुला समर्थन कर दिया है. सैलजा के विरूद्ध नारेबाजी करते हुए हौसला अपने समर्थकों के साथ बागी निर्मल सिंह के खेमे में पहुंच गए हैं.
अंबाला की सांसद रहते हुए कुमारी सैलजा अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए तत्कालीन
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी टकरा गई थीं
. 2013 में साहा स्थित 100 करोड़ की लागत वाले टूल रूम का उद्धाटन समारोह के दौरान सैलजा ने उस वक्त
मुख्यमंत्री रहे हुड्डा पर मंच पर ही केंद्रीय मंत्री के सामने मोर्चा खोल दिया था
.
हुड्डा ने भी मंच से ही सैलजा के आरोपों का जवाब दिया था. इस दौरान दोनों के बीच तू-तू,मैं-मैं भी हो गई थी. उसके बाद भी सैलजा व हुड्डा में मतभेद चलता रहा व अब हुड्डा के चहेतों की टिकट कटवाकर सैलजा ने एक बार फिर से बगावत को हवा दे दी है.