विधानसभा चुनाव 2022 में कम नहीं हो रही हरीश रावत की मुश्किलें, जानिए कैसे…

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की विधानसभा चुनाव 2022 में मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं। नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट से चुनावी मैदानी में उतरे हरीश रावत को प्रतिद्वंदियों के साथ-साथ ही कांग्रेस के बागी उम्मीदवार से भी निपटना होगा। लालकुआं विधानसभा सीट में कांग्रेस पार्टी के बीच बागियों की बगावत से हरीश की मुश्किलें कम होती नही दिख रही हैं।

कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रही संध्या डालाकोटी ने अपनी जीत का दावा किया है। उन्हें मनाने को पार्टी हाईकमान ने पूरा जोर लगाया था, लेकिन चुनाव में लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। लड़की हूं लड़ सकती हूं के नारे को लेकर डालाकोटी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रही हैं।

लालकुआं विधानसभा सीट में कांग्रेस के अलग-अलग खेमे में विरोध है। एक पक्ष हरीश चुंद्र दुर्गापाल के साथ खड़ा है, जबकि दूसरा पक्ष संध्या डालाकोटी और तीसर पक्ष हरेंद्र वोहरा को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज चल रहा था। चिंता की बात है कि कांग्रेस का एक धड़ा तो खुलकर हरीश रावत का विरोध कर रहा है लेकिन राहत की बात है कि दुर्गापाल और वोहरा के समर्थकों ने हरीश रावत को समर्थन देने का फैसला लिया है।

पार्टी सूत्रों का मानना है कि लालकुआं विधानसभा सीट में हरीश रावत की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी क्योंकि रावत को अपनी बेटी अनुपमा के लिए भी हरिद्वार में प्रचार करना होगा। ऐसे में रावत अपनी सीट में कम ही फोकस कर पाएंगे। हरीश रावत के सामने दूसरी सबस बड़ी चुनौती यह होगी कि वह पहली बार लालकुआं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।