हरिद्वार नगर निगम अब करेगी ये काम , हाउस टैक्स से बचना अब नहीं होगा आसान

हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में अब आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भवन स्वामी अब टैक्स देने से बच नहीं सकेंगे। इसके लिए नगर निगम ड्रोन से सर्वे कराएगा। छह अक्तूबर से सर्वे का काम शुरू होगा।

जिसमें जीपीएस मैपिंग सिस्टम के माध्यम से टैक्स को लेकर पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। कितने भवन या प्रतिष्ठान हैं और कितनों से टैक्स मिल रहा है इसका पूरा खुलासा ड्रोन सर्वे से होगा।

जिसके बाद नगर निगम उन सभी लोगों से टैक्स वसूलेगा जो अभी तक टैक्स से बचते आ रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में करीब 50 हजार आवासीय करदाता हैं। लगभग आठ हजार व्यावसायिक कर दाता हैं। नगर निगम सूत्रों के मुताबिक अभी तक निगम क्षेत्र से अधिकांश करदाता ऐसे हैं, जिन्होंने चार भवन या व्यावसायिक भवन, प्रतिष्ठान आदि बनाए हुए हैं। जबकि इससे कम का टैक्स नगर निगम को देते हैं।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि शासन स्तर पर नगर निगम क्षेत्रों में टैक्स को लेकर ड्रोन से सर्वे कराने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद अब हरिद्वार में भी छह अक्तूबर से ड्रोन सर्वे की शुरुआत की जाएगी। अधिकारियों की मानें तो ड्रोन प्रत्येक क्षेत्र में आवास, दुकान आदि के ऊपर से गुजरेगा। इस दौरान जीपीएस मैपिंग के जरिये सभी आवास, दुकानों की जानकारी आ जाएगी।

ये पूरा सर्वे जीआईएस कंपनी करेगी। सर्वे के आधार पर पूरी रिपोर्ट तैयार कर कंपनी नगर निगम को सौंपेंगी। जिसके बाद सभी आवासीय और कर्मिशियल भवन, दुकानों से टैक्स लगाने की कार्रवाई होगी।

नगर निगम में दो टैक्स इंस्पेक्टरों का तबादला होने के बाद अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई थी। फिलहाल गौहर हयात अंसारी को टैक्स इंस्पेक्टर का प्रभार दिया गया है। गौहर हयात निगम में ही तैनात थे। फिर उन्हें लक्सर नगर पालिका का अधिशासी अधिकारी बना दिया गया था। लेकिन पिछले दिनों उन्हें ईओ की पोस्ट से हटाकर नगर निगम ही भेज दिया गया।

नगर निगम क्षेत्र के सभी आवासीय और व्यावसायिक भवन आदि का ड्रोन जीपीएस मैप के जरिये सर्वे कराया जाएगा। सर्वे का कार्य छह अक्तूबर से शुरू होगा। सर्वे के बाद टैक्स न देने वालों पर टैक्स लगाने की कार्रवाई शुरू कराई जाएगी।