हरिद्वार कुंभ: पहले ही दिन दिखा ऐसा नज़ारा , सड़कों पर दिख रहा…

हर की पैड़ी पर दोपहर क़रीब एक बजे राजस्थान से आए कुछ श्रद्धालु गंगा स्नान करके निकले, तो बहुत ही ख़ुश दिखे. उदयपुर के रहने वाले दिवाकर चंद्र ने बीबीसी को बताया कि उनके साथ आए सभी लोगों का रेलवे स्टेशन पर ही कोविड परीक्षण हुआ और सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव निकली.

दिवाकर चंद्र ने बताया, “मैं हरिद्वार कुंभ में दूसरी बार आया हूँ और अन्य जगहों पर भी कुंभ मेले में गया हूँ. इंतज़ाम काफ़ी अच्छे हैं, लेकिन कोरोना का डर तो साफ़ दिख रहा है. बाहर से लोग बहुत कम आ रहे हैं. उसकी वजह भी यही है कि इतनी बंदिशें लगाई गई हैं. हालाँकि ऐसा करना ज़रूरी भी है.”

हर की पैड़ी पर गंगा नदी को पार करने के लिए बने पुलों पर भी गुरुवार को लगभग वैसी ही भीड़ थी, जैसी की यहाँ आम दिनों में होती है. प्रशासन की ओर से मास्क लगाने और सोशल डिस्टैंसिंग अपनाने की अपील करने वाले होर्डिंग्स जगह-जगह लगाए गए हैं.

घाटों पर दूरी बनाकर स्नान करने के लिए गोले भी बनाए गए हैं. लेकिन इन सब नियमों का पालन करते कम ही लोग दिखते हैं. हाँ, मास्क ज़्यादातर लोगों के मुँह पर ज़रूर लगा रहता है. इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि चालान के डर से लोग मास्क लगा रहे हैं.

अपर मेला अधिकारी रामजी शरण शर्मा कहते हैं कि कोविड के बढ़ते संक्रमण के दौर में मेला आयोजित कराना चुनौती तो है ही लेकिन कोशिश हो रही है कि स्थानीय जनता और बाहर से आए श्रद्धालुओं के सहयोग से मेला सकुशल संपन्न हो जाए.

बीबीसी से बातचीत में रामजी शरण शर्मा कहते हैं, “चूँकि आस्था का पर्व है, इसलिए जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फ़ैसला किया कि संक्षिप्त रूप में आयोजित किया जाए. इसके लिए ये कोशिश की गई है कि बाहर से कोई संक्रमण लेकर न आने पाए.”

”पहले दिन हमने 12,796 रैपिड एंटीजेन टेस्ट कराए, जिनमें सात लोग पॉज़िटिव आए. उन्हें वापस कर दिया गया. ये टेस्ट उन लोगों के कराए गए, जो कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लेकर नहीं आए थे.”

गुरुवार को हरिद्वार कुंभ की औपचारिक शुरुआत हो गई, लेकिन कोरोना संक्रमण की एक बार फिर बढ़ती रफ़्तार ने श्रद्धालुओं के यहाँ पहुँचने की रफ़्तार को काफ़ी धीमा कर दिया है.

कुंभ जैसी भीड़ न तो सड़कों पर दिख रही है, न ही मेला क्षेत्र में और न ही हरिद्वार के मुख्य घाट हर की पैड़ी पर. हरिद्वार की सभी सीमाओं पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की गहन जाँच की जा रही है, ताकि कोविड संक्रमित कोई व्यक्ति मेला क्षेत्र और हरिद्वार शहर में प्रवेश न करने पाए.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है कि बाहर से आऩे वाले, ख़ासकर कोरोना संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित 12 राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट का प्रमाणपत्र दिखाना अनिवार्य होगा.