प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कोई निश्चित ब्याज दर नहीं हैं. विभिन्न बैंक मुद्रा लोन के लिए अलग ब्याज दर वसूल सकते हैं. लोन लेने वाले के कारोबार की प्रकृति और उससे जुड़े जोखिम के आधार पर भी ब्याज दर निर्भर करती है.
मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए आपको सरकारी या बैंक की शाखा में आवेदन देना पड़ता है. अगर आप खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आपको मकान के मालिकाना हक या किराये के दस्तावेज, काम से जुड़ी जानकारी, आधार, पैन नंबर सहित कई अन्य दस्तावेज देने होंगे.
मुद्रा योजना माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) से बना है. इसका मुख्य उद्देश्य छोटे और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा था कि स्वरोजगार में जुटे 5 करोड़ 75 लाख लोगों पर ध्यान देने की जरूरत है, जो मात्र 17,000 रुपये प्रति इकाई कर्ज के साथ 11 लाख करोड़ की राशि का इस्तेमाल करते हैं और 12 करोड़ भारतीयों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं.
मुद्रा योजना के तहत तीन तरह के लोन दिए जाते हैं. इनमें शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन शामिल हैं. शिशु लोन के तहत 50,000 रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं.
वहीं, किशोर लोन के तहत 50,000 से 5 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. तरुण लोन के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने छोटे उद्यम शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) शुरू की है. इसके तहत लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है.
यह योजना अप्रैल 2015 में शुरू हुई थी. इस योजना का अब तक करोड़ो लोग लाभ उठा चुके हैं. बुधवार को वित्त मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत पिछले छह वर्षों में 28.68 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपये का लोन सैंक्शन किया है. 2015-2018 के बीच स्कीम ने 1.12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार पैदा करने में मदद की.