बिहार में लगे सुशांत के पोस्टर , होने जा रहा ये, चुप नहीं बैठेंगे लोग

34 वर्षीय सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के अपने घर में मृत पाए गए थे. मुंबई पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी. पुलिस ने अपनी जांच में कहा कि सुशांत ने आत्महत्या की थी.

 

जिसके बाद अभिनेता के परिवार ने पटना में मौत की जांच के लिए केस दर्ज कराया था. राज्य के नेताओं ने बिहार के एक युवा और होनहार बेटे के लिए जांच की मांग की.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम सुशांत की मौत को चुनावी मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं. मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि यह मुद्दा आम जनता की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. हम बस न्याय चाहते हैं और जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम नहीं रुकेंगे.”

उन्होंने आगे कहा, इसलिए ‘हमने कहा हैं ना भूलेंगे, न भूलने देंगे’. इसका एक ही मतलब है बीजेपी (BJP) इस मुद्दे पर जनता और सुशांत के परिवार के साथ है.

फडणवीस से पूछा गया था कि क्या वह सुशांत सिंह राजपूत के केस में रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी और कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के विवाद को लेकर मानते है कि बिहार में चुनावी मुद्दे बन जाएंगे, जो जल्द ही एक नई सरकार को वोट दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते है.

बिहार में सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा सुशांत (Sushant) के नाम के पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं, जिस पर विपक्ष ने नाराजगी जताई है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनावी लाभ के लिए सुशांत का नाम राजनीति में घसीटा जा रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव प्रचार के प्रभारी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनना चाहती है, लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलता है चुप नहीं बैठेंगे.