चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक ट्वीट में कहा, भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा को कमतर न आंके।
हुआ ने कहा, भारत के फ्रंटलाइन सैनिकों ने सहमति तोड़ी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की और जानबूझकर चीन के सैनिकों और अधिकारियों को उकसाया और उन पर हमला किया, जिससे हिंसक झड़प शुरू हुई और जवान हताहत हुए।
गौरतलब है कि बुधवार को भी चीन के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि गलवान घाटी में हुई घटना के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीन की आक्रामकता के खिलाफ चेतावनी देने के एक दिन बाद बीजिंग ने नई दिल्ली से कहा कि वह मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की इच्छा को कमजोर न समझे।
चीन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत पर सहमति को तोड़ने और जानबूझकर उकसाने के भी आरोप लगाए हैं।
हालांकि अभी तक भारत के साथ चल रहे तनाव और दोनों सेनाओं की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोई बयान नहीं दिया है। झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो चुके हैं और चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबरें भी सामने आई हैं, मगर इसके बाद भी जिनपिंग ने चुप्पी साध रखी है। चरम पर चल रहे तनाव के बीच अब बीजिंग के प्रवक्ता ने भारत की चेतावनी का जवाब देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बुधवार को कहा, इसमें सही और गलत बिल्कुल साफ है। यह घटना एलएसी के चीन के तरफ वाले क्षेत्र में हुई और इसके लिए चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।प्रवक्ता ने साथ ही यह भी कहा कि चीन अब और संघर्ष नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैनिक स्तरों पर बातचीत चल रही है।