फ्रांस और रूस के राष्ट्रपति ने फोन पर की बात, जानिए क्या है पूरा मामला

पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया है कि रूस लगातार पोलैंड से लगती बेलारूस की सीमा पर सैन्य जमावड़ा बढ़ा रहा है, जबकि पश्चिमी देश यूरोपीय संघ (ईयू) की सीमा पर जारी शरणार्थी संकट से निपटने में जुटे हैं। बेलारूस की सीमा से हजारों प्रवासी पोलैंड के रास्ते ईयू में घुसने के लिए तैयार हैं। इसे देखते हुए ईयू ने बेलारूस पर सख्त पाबंदियां लगाने का फैसला कर लिया है। उधर फ्रांस ने रूस को चेतावनी दी है।

रूस के करीबी बेलारूस का कहना है उस पर शरणार्थी संकट खड़ा करने के आरोप निराधार हैं। इस पूरे मसले पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है। मैक्रों के एक सलाहकार ने बताया कि राष्ट्रपति के मुताबिक हम यूक्रेन की संप्रभुता और हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार हैं।

इस पर पुतिन ने कहा कि ये हालात रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस बातचीत से दोनों नेताओं में सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को पीछे हटने की जरूरत है। हालांकि रूस ने जोर दिया कि इस मुद्दे पर ईयू सीधे बेलारूस से बात करे।

फ्रांस और रूस के राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने करीब ढाई घंटे तक सीमा पर तनाव घटाने को लेकर वार्ता की। रूसी राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दोनों ने प्रवासियों के लिए मानवीय कोशिशों की जरूरत पर जोर दिया लेकिन किसी ठोस कदम का एलान नहीं किया। मॉस्को ने कहा कि वह इस तनाव को कम करने में मदद करने की कोशिश करेगा।