पाकिस्तान में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर फूटा इमरान खान का गुस्सा, कहा अगर अब किसी ने…

बिलावल ने हिंसा की निंदा की और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि ये हिंसा इसलिए फैली क्योंकि सरकार शांति से स्थिति को संभालने में कामयाब नहीं हुई.

पीपीपी के चेयरपर्सन ने कहा कि मुख्यधारा के राष्ट्रीय दलों पर जातीय, धार्मिक और सांप्रदायिक नफरत भड़काने के माध्यम से दबाव बनाने की शुरुआत जनरल जियाउल हक के समय से ही हो गई थी.

इस तानाशाही उपकरण का उपयोग आज भी मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के धैर्य और आकार को कम करने के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता है.

पीपीपी के चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto-Zardari) ने कहा, इंसान के खून को बहाना और हिंसा के लिए उकसाना कभी भी किसी भी स्थिति का जवाब नहीं होता है.

इतिहास ने हमें सिखाया है कि हिंसा से सिर्फ हिंसा ही होती है. उन्होंने सवाल किया कि देश के प्रमुख मुद्दों पर लड़ना ही वास्तविक लड़ाई है ना कि केवल मुद्दों को समझ लेना. इस सरकार ने हालात के बिगड़ने पर नेशनल एक्शन प्लान क्यों लागू नहीं किया. सरकार ने इस मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा क्यों नहीं की?

पाकिस्तान (Pakistan) में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों (Violent Protest) को लेकर इमरान खान (Imran Khan) की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. विपक्षी पार्टियों ने इमरान के प्रदर्शनों से ठीक तरह से नहीं निपटने को लेकर उनकी जमकर आलोचना की है.

गौरतलब है कि सोमवार को लाहौर (Lahore) में हुए फ्रांस विरोधी प्रदर्शनों (Anti-France Protest) के दौरान प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गई. वहीं, पुलिसकर्मियों समेत कई लोग इस हिंसक प्रदर्शन में बुरी तरह जख्मी हुए.