पूर्व सांसद धनंजय सिंह के नामांकन पर मंडराने लगा खतरा , जाने पूरी खबर

पूर्व सांसद धनंजय सिंह के नामांकन पर खतरा मंडराने लगा है। लखनऊ में मारे गए अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह की शिकायत का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने धनंजय को 21 फरवरी को पेश होकर अपना जवाब देने को कहा है।

धनंजय सिंह ने बुधवार को जौनपुर की मल्हनी सीट से नामांकन किया था। नामांकन से ठीक पहले मीडिया के सामने आए धनंजय ने दावा किया था कि वह फरार नहीं था। उसके खिलाफ कोई वारंट भी जारी नहीं है। उसके इसी दावे को गलत बताते हुए अजीत सिंह की पत्नी रानू सिंह ने निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी।

रानू सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि मेरे पति अजीत सिंह की लखनऊ में हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में धनंजय सिंह लखनऊ के विभूति खंड थाने में धारा 302, 307, 120बी समेत तमाम धाराओं में वांछित है। इसके खिलाफ लखनऊ की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इसमें धारा 82 की कार्रवाई भी हो चुकी है।

रानू सिंह ने कहा कि धनंजय 25 हजार का इनामी भी है। इस मामले में धनंजय के पक्ष में किसी भी कोर्ट ने अभी तक जमानत या स्टे आदेश नहीं दिया है। रानू ने हलफनामे के साथ दिये गए पत्र में लिखा कि जो अभी तक भगोड़ा घोषित है, उसे कानूनन और संवैधानिक रूप से चुनाव लड़ने का हक नहीं है। धनंजय ने अपने शपथपत्र में झूठी जानकारियां दी हैं। उसका नामांकन रद किया जाए और उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए।

रानू सिंह के इसी लेटर का संज्ञान लेते हुए जौनपुर के आरओ हिमांशु नागपाल ने धनंजय को नोटिस जारी की है। उन्हें 21 फरवरी सोमवार को पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले दिनों धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो शेयर करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा था। उनका इशारा इसी बात पर था का भगोड़ा घोषित अपराधी खुलेआम क्रिकेट खेल रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही है।

धनंजय सिंह महीनों बाद पिछले मंगलवार को मीडिया के सामने आया था। धनंजय ने अपनी फरारी से इनकार करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निशाना साधने पर जवाब भी दिया था। 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद से फरार होने के सवाल पर धनंजय ने कहा कि मैं फरार नहीं हूं। 25 हजार का इनाम जिस दिन मेरे ऊपर घोषित हुआ। उसके अगले ही दिन मैंने कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद जमानत पर हूं।

धनंजय ने कहा था कि मल्हनी ही नहीं हर विधानसभा में सपा की ताकत को कमजोर कर रहा हूं। इसके कारण वह अखिलेश मुझे लक्ष्य बना रहे हैं। अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद हमने लखनऊ कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया कि बताया जाय कि किस मामले में मेरे खिलाफ वारंट है। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया और उसकी विवेचना चल रही है।