मतभेदों को भुलाकर इस देश की मदद के लिए तैयार हुआ भारत, अब शुरू किया…

जाफर ने बोला कि 14 अप्रैल को हिंदुस्तान ने 89,100 गोलियों का आयात करने की अनुमति मलयेशिया को दे दी है. हम हिंदुस्तान से व ज्यादा गोलियां देने का आग्रह करेंगे, लेकिन यह वहां उपलब्धता पर निर्भर करेगा.

 

हालांकि मलेशियाई मंत्री के दावे के विषय में पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने वैसे मीडिया को कोई अधिकृत जवाब नहीं दिया है. सूत्रों का बोलना है कि मलयेशिया ने हिंदुस्तान से 10 लाख गोलियों की मांग की थी.

दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या के हिसाब से मलयेशिया दूसरे नंबर पर है. वहां अभी तक 5 हजार से ज्यादा संक्रमण के मुद्दे सामने आ चुके हैं व 82 लोगों की मृत्यु इस जानलेवा महामारी से हो चुकी है.

भारत ने पिछले महीने 25 मार्च को मलेरिया रोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इस दवा को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संक्रमण के उपचार के दौरान बेहद मददगार घोषित किया था.

इसके बाद कोरोना वायरस की जानलेवा महामारी से जूझ रहे सभी राष्ट्रों ने हिंदुस्तान से इस दवा की मांग प्रारम्भ कर दी थी. इसके चलते कुछ दिन पहले हिंदुस्तान ने अपनी आवश्यकता का आकलन करने के

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की वैश्विक सप्लाई का 70 प्रतिशत उत्पादन हिंदुस्तान में किया जाता है. भारतीय दवा कंपनियां प्रति माह करीब 40 लाख टन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उत्पादन करती हैं.

जिसे बढ़ाकर 70 लाख टन तक किया जा सकता है. यदि भारतीय कंपनियां पूर्ण क्षमता से कार्य करें तो प्रति माह करीब 35 करोड़ गोलियां तैयार कर सकती हैं.

माना जा रहा है कि हिंदुस्तान की तरफ से मलयेशिया को दवा सप्लाई करने का फैसला लेने से दोनों राष्ट्रों के संबंध फिर से मधुर हो सकते हैं.

फरवरी में पद से त्याग पत्र देने वाले मलयेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद द्वारा कश्मीर में धारा 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लागू करने जैसी भारतीय नीतियों की कटु आलोचना ने दोनों राष्ट्रों के संबंध बेकार कर दिए थे.

मलयेशिया के साथ विभिन्न मुद्दों पर हालिया महीनों में पैदा हुए मतभेदों को भुलाकर हिंदुस्तान कोरोना संक्रमण से निपटने में उसकी मदद करने को तैयार हो गया है.

मलयेशिया के उप विदेश मंत्री कमरुद्दीन जाफर ने बुधवार को बताया कि नयी दिल्ली ने उसके विरूद्ध लगे निर्यात प्रतिबंधों में ढील देकर मलेरिया रोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा देने पर सहमति जता दी है.