लक्ष्मण झूला क्षेत्र में तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां बनने वाले नए झूला पुल में अब हल्के वाहन भी चलेंगे.
पुल के दोनों किनारे ढाई-ढाई मीटर कांच के होंगे, जो फुटपाथ का कार्य करेंगे. जबकि, पुल के दोनों छोर पर लोग केदारनाथ मंदिर के मॉडल के नीचे से होकर गुजरेंगे.
अपनी आयु पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल को शासन ने लोनिवि की रिपोर्ट के आधार पर इस साल 12 जुलाई को बंद कर दिया था. इस पुल पर दोनों व गेट लगा दिए गए हैं. अब तक यहां प्रस्तावित नए झूला पुल को सिर्फ पैदल पुल बनाए जाने की तैयारी थी. लेकिन, शासन स्तर पर गहन मंथन के बाद इसे हल्का वाहन मोटर पुल बनाने की मंजूरी दे दी गई.
लक्ष्मण झूला स्वर्गाश्रम क्षेत्र में जाने के लिए अब तक गरुड़चट्टी पुल व बैराज का रास्ता अपनाया जाता था. लेकिन, भविष्य में लोग लक्ष्मण झूला पुल पर हल्के वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे.
बताया कि पूर्व में इस पुल की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर प्रस्तावित थी. अब हल्का वाहन के लिए यह आठ मीटर कर दी गई है. इसी तरह पूर्व में इसकी लंबाई 130 मीटर निर्धारित थी, जिसे अब 135 मीटर किया जा रहा है. पुल की अनुमानित लागत करीब 30 करोड़ रुपये होगी. खास बात यह कि पुल के बीच में चौपहिया, दुपहिया, ठेली आदि चलने की सुविधा होगी. जबकि, दोनों किनारों पर लोग पैदल चलेंगे. बताया कि डिजाइन बनाने के साथ पुल की डीपीआर पर भी साथ में कार्य जारी रहेगा.
लक्ष्मण झूला पुल के लिए विभाग ने पुल के दोनों प्रवेश द्वार पर लोहे की स्थान आरसीसी के टावर बनाने का फैसला लिया है. पुराना लक्ष्मण झूला व राम झूला पुल के प्रवेश द्वार लोहे के टावर वाले हैं. नए पुल के प्रवेश द्वार पर आरसीसी के टावर के ऊपर केदारनाथ मंदिर का मॉडल बनाया जाएगा.
दो-लेन पुल पर वन-वे व्यवस्था