बिहार में पंचायत चुनाव के लिए होगा ऐसा, 6.72 लाख मतदान कर्मी होगे…

इसमें हर एक पीठासीन पदाधिकारी, एक मतदान पदाधिकारी (पी-1), एक मतदान पदाधिकारी (पी-2) और तीन मतदान पदाधिकारी (पी-3) शामिल हैं. मतदान पदाधिकारी की नियुक्ति करते समय जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा दल के प्रथम मतदान पदाधिकारी को मतदान केंद्र पर अपरिहार्य कारण से अनुपस्थित रहने पर पीठासीन पदाधिकारी के कर्तव्यों का वहन करने के लिए प्राधिकृत किया जा सकेगा.

आयोग ने साथ ही पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी निर्धारित कर दी है. पीठासीन पदाधिकारी मतदान दल के अन्य सदस्यों से हमेशा संपर्क कायम रखेंगे.

इवीएम प्राप्ति से लेकर मतदान की समाप्ति तक सामूहिक जिम्मेदारी के बाद इवीएम व अन्य अभिलेख जमा करने के सिद्धांत का पालन किया जायेगा. सभी मतदान पदाधिकारी पीठासीन पदाधिकारी के मतदान प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए दिये गये का पालन करेंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य में करीब छह लाख 72 हजार मतदान कर्मियों के तैनाती की कार्य योजना तैयार की है. हर बूथ पर छह मतदान कर्मी तैनात किये जायेंगे. मतदानकर्मियों के अलावा हर बूथ पर सुरक्षाकर्मियों और मजिस्ट्रेट की अलग से तैनाती की जायेगी. ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी का चुनाव मिश्रित प्रयोग से होना है.

इसमें ग्राम पंचायत क्षेत्र में चार पद जिनमें जिला पर्षद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत का मुखिया और वार्ड सदस्य का चुनाव इवीएम के माध्यम से कराया जाना है. साथ ही ग्राम कचहरी के सरपंच और पंच पद के लिए चुनाव कराया जाना है. इसको देखते हुए आयोग ने हर बूथ पर छह पदाधिकारियों की तैनाती का आदेश दिया है.

राज्य में पंचायत और ग्राम कचहरियों के आम चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पटना के फुलवारीशरीफ के एक बूथ पर गुरुवार को मतदान कर्मियों की तैनाती कर मतदान और मतगणना के साथ बायोमीटरिक मशीन व वेबकास्टिंग का सफल परीक्षण कर लिया.