भारत के खिलाफ नेपाल ने की ये बड़ी हरकत, बढ़ा विवाद, जारी हुआ…

भारत और नेपाल के बीच बढ़ी तनातनी के बाद चीन ने इसका फायदा उठाने के लिए नेपाल की मदद करने की कोशिश की थी। हालांकि ओली ने जब भारत के खिलाफ हरकत की तब उनकी कुर्सी खतरे में आ गई थी जिसको बचाने के लिए भी चीन ने हाथ बढ़ाया था। बताया जाता है कि चीन इस मामले की आड़ में अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहा था।

ओली ने दावा किया कि भगवान राम के लिए तब यह असंभव होगा कि वो भारत स्थित मौजूदा अयोध्या से जनकपुर तक आते। इस पर ओली ने कहा, ‘जनकपुर यहां और अयोध्या वहां है और हम विवाह की बात कर रहे हैं। तब न मोबाइल फोन था और ना ही टेलीफोन, तो उन्हें जनकपुर के बारे में कैसे पता चला।’

इससे पहले, नेपाल के पीएम ओली ने दावा किया था कि वाल्मीकि आश्रम नेपाल में है और वह पवित्र स्थान जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए यज्ञ किया था वह रिदि है। उन्होंने कहा कि दशरथ पुत्र राम एक नेपाली हैं। इसके साथ ही दलील देते हुए ओली ने कहा कि जब संचार का कोई तरीका ही नहीं था तो भगवान राम सीता से विवाह करने जनकपुर कैसे आए?

ज्ञात है कि नेपाल ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपने नए विवादित नक्शे में शामिल किया है। ये विवाद तब शुरू हुआ था जब मई माह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से होकर जाने वाले कैलाश मानसरोवर रोड लिंक का उद्घाटन किया था। इसके बाद ही ओली सरकार ने नक्शे को बदला और इसको पास कराने के लिए संविधान में संशोधन भी किया।

दरअसल, नेपाल ने अपने देश के विवादित नक्शे को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है। इतना ही नहीं, नेपाल के एक और दो रूपये के सिक्के पर इस नक्शे को अंकित करने का भी फैसला किया है। इस हरकत के बाद मुमकिन है कि भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय वार्ता न हो।

नेपाल की ओली सरकार ने एक बार फिर से नक्शा विवाद उठा लिया है। ये नेपाल ने तब किया है जब भारत के नेपाल से रिश्ते सुधरने की तरफ हैं लेकिन इस हरकत के बाद हो सकता है कि नेपाल को फिर से भारत की नाराजगी झेलनी पड़े।