इस देश में पहली बार महिला बनी राष्ट्रपति, हाथ में कुरान पकड़कर ली शपथ

मगुफुली ने तंजानिया में कोविड-19 फैलने की बात को खारिज करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय प्रार्थना ने इस बीमारी का देश से खात्मा कर दिया है। हालांकि, अपने निधन से कुछ हफ्तों पहले उन्होंने माना था कि यह संक्रामक रोग देश में एक खतरा है।

ऐसा बताया गया कि मगुफुली का हृदय गति रुकने के कारण निधन हुआ लेकिन निर्वासित विपक्षी नेता टुंडु लिस्सू ने कहा कि राष्ट्रपति की मौत कोविड-19 के कारण हुई।

राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले जन संबोधन में हसन ने मगुफुली के लिए 21 दिनों की शोक की घोषणा की और 22 मार्च तथा 25 मार्च को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया, जब दिवंगत राष्ट्रपति को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति अली हसन मिन्यी, जकाया किकवेते और आबिद करुमे तथा मंत्रिमंडल के सदस्य भी इस मौके पर मौजूद रहे। शपथ लेने के बाद हसन ने सैन्य परेड का निरीक्षण किया।

हसन ने शपथ लेने से दो दिन पहले तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन मगुफुली के निधन की घोषणा की थी। मगुफुली को दो हफ्ते से अधिक समय से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया था।

सामिया सुलुहू हसन (61) ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए तंजानिया की पहली महिला राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्होंने देश के सबसे बड़े शहर दारेस्लाम में स्टेट हाउस के सरकारी कार्यालय में हिजाब पहनकर और अपने दाएं हाथ में कुरान पकड़े राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

उन्हें मुख्य न्यायाधीश इब्राहिम जुमावोइंग ने शपथ दिलाई, जिसमें उन्होंने पूर्वी अफ्रीकी देश के संविधान को बरकरार रखने का संकल्प लिया।