एफएटीएफ ने भारत की धनशोधन रोधी व्यवस्था की प्रशंसा की, मुकदमों में हो रही देरी को दूर करने की सलाह

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जो एक वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग है, ने भारत की धनशोधन रोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने की व्यवस्था पर आधारित पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है। वैश्विक निकाय ने सिंगापुर में अपनी पूर्ण बैठक के बाद अपने संक्षिप्त बयान में कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में भारत की कानूनी व्यवस्था अच्छे परिणाम प्राप्त कर रही है।

 

हालांकि, एफएटीएफ ने यह भी कहा कि देश को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के मुकदमों को पूरा करने में हो रही देरी को दूर करने की जरूरत है। एफएटीएफ की अेार से कहा गया है कि देश के लिए अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट बाद में प्रकाशित की जाएगी जब गुणवत्ता और निरंतरता की समीक्षा पूरी हो जाएगी।

पेरिस मुख्यालय वाला निकाय एफएटीएफ धन शोधन, आतंकवाद और प्रसार वित्तपोषण से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर हो रही कार्रवाई का नेतृत्व करता है। एफएटीएफ के ताजा फैसले सिंगापुर में 26-28 जून के बीच आयोजित एफएटीएफ प्लेनरी के दौरान सार्वजनिक किए गए। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के प्रभारी निदेशक विवेक अग्रवाल ने किया।

नयी दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि एफएटीएफ द्वारा भारत का सकारात्मक आकलन धनशोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के देश के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मंत्रालय ने कहा कि एफएटीएफ के परस्पर मूल्यांकन पर भारत का प्रदर्शन समग्र स्थिरता और वित्तीय प्रणाली की अखंडता को दर्शाता है।

एफएटीएफ दिशानिर्देशों पर भारत का पारस्परिक मूल्यांकन, एक ऐसा उपाय है जो प्रभावी कानूनों और नीतियों को बनाने और वित्तीय अपराधों की जांच के लिए उनके कार्यान्वयन के लिए देश की प्रभावकारिता की जांच करता है। यह आखिरी बार 2010 में किया गया था। एफएटीएफ की भारत की समीक्षा इस साल की शुरुआत में समाप्त हो गई जब टीम ने ‘ऑन-साइट’ या नई दिल्ली का दौरा किया और विभिन्न खुफिया और जांच एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ), एक वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग, ने अपने नियमों का अनुपालन करने के लिए भारत की काफी हद तक सराहना की है। हालांकि, संगठन ने भारत द्वारा कतिपय गैर-वित्तीय क्षेत्रों में निवारक उपायों के अपने पर्यवेक्षण को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।

शुक्रवार को एफएटीएफ ने भारत पर एक पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट अपनाई। एजेंसी के बयान के अनुसार, यह रिपोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण से निपटने के लिए भारत के उपायों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करती है।