इस दिन करे व्रत और भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा, सारी मनोकामनाएं होगी पूरी

हिंदू धर्म-पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्‍ण का प्रिय महीना है. मार्गशीर्ष महीने की कुछ तिथियां जैसे पूर्णिमा का विशेष महत्‍व है. पूर्णिमा के दिन किया गया व्रत और भगवान श्रीकृष्‍ण की विधि-विधान से की गई पूजा बहुत लाभ दिलाती है. भगवान कृष्‍ण सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रखने को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाने की सही तारीख कल यानी कि 7 दिसंबर है या 8 दिसंबर है.

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 7 दिसंबर की सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी और 8 दिसंबर की सुबह 9 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि और पूर्णिमा तिथि का अधिकांश समय 7 दिसंबर को पड़ने के कारण मार्गशीर्ष पूर्णिमा 7 दिसंबर, बुधवार को मनाई जाएगी.

– मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्‍नान-दान का बहुत महत्‍व है. इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान करें और यदि ऐसा संभव न हो पाए तो पवित्र नदी के जल मिले पानी से नहाएं. मान्‍यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्‍नान-दान करने से अन्‍य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक फल मिलता है. लिहाजा इस दिन दान अवश्‍य करें

– इसके बाद भगवान श्रीकृष्‍ण की विधि-विधान से पूजा करें. भगवान श्रीकृष्‍ण को पंचामृत, फल, मिठाइयों का भोग लगाएं. धूप-दीप दिखाएं.

– मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का विशेष महत्व है. पूर्णिमा का व्रत चंद्र देव का अर्घ्‍य देने के बाद ही खोलना चाहिए. इस दौरान जल में कच्‍चा दूध और मिश्री जरूर मिलाएं. ऐसा करने जीवन में सुख-समृद्धि तेजी से बढ़ती है और सारी समस्‍याएं दूर होती हैं. कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है.