पंजाब-हरियाणा में किसानों ने जला दी अपनी फसल, देख सरकार की बढ़ी परेशानी

हालांकि, टिकैत ने यह साफ किया था कि उनकी धमकी केंद्र सरकार के खिलाफ विरोधस्वरूप है. उन्होंने कहा था कि यह नजरिया बनाया जा रहा है कि किसान दो महीनों बाद अनाज काटने अपने घर वापस लौटेंगे.

समर्थकों से बातचीत में टिकैत ने कहा ‘प्रदर्शन जारी रहेगा, क्योंकि पंजाब और राजस्थान के किसान अलग-अलग समय पर फसल काटेंगे. जो लोग कटाई नहीं कर रहे हैं, वे विरोध जारी रखेंगे.’

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में कई किसानों ने अपनी खड़ी फसलें खत्म कर दी है. टिकैत की सफाई के बाद कि फिलहाल फसल जलाने की कोई जरूरत नहीं है, कई किसानों ने अपनी फसलें पूरी तरह खत्म कर दी है.

इस कदम से किसानों को बड़े स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा है. नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान राजधानी दिल्ली की सरहदों पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

दोनों पक्षों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन किसी भी ठोस मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है. किसान लगातार कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं.

हरियाणा के हिसार में 18 फरवरी को किसान महापंचायत संबोधित करते हुए फसल जलाने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा था ‘अगर जरूरत पड़ी, तो हम एक फसल कुर्बान कर देंगे.

हमें अपनी खड़ी फसलें जलानी होंगी.’ टिकैत ने कहा था ‘सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि किसान अनाज काटने गांव वापस चले जाएंगे. प्रदर्शन और फसल कटाई साथ-साथ चलेगी.’

कुछ दिनों पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने धमकी दी थी कि सरकार नहीं मानी तो किसान अपनी फसल जला देंगे. इसी बीच पंजाब और हरियाणा के कुछ किसानों ने उनकी इस बात का गलत मतलब समझ लिया है.

कई किसानों ने बड़े स्तर पर अपनी फसलें जला दी हैं. टिकैत नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ विरोध जताने के लिए फसलों को जलाने की बात कह रहे थे.