प्याज का भाव जल्द गिरने की उम्मीद, यहाँ जानिये नया रेट

प्याज का भाव जल्द गिरने की उम्मीद है. 790 टन आयातित प्याज की पहली खेप मुंबई पहुंच गई है. इसमें से कुछ भाग दिल्ली व आंध्र प्रदेश भेजा जा रहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने सोमवार को बताया कि पोर्ट पर आयातित प्याज की लागत 57-60 रुपये प्रति किलो बैठ रही है. उन्होंने बोला कि इस महीने के अंत तक करीब 12 हजार टन आयातित प्याज पहुंच जाएगा.

सरकार की तरफ से प्याज का आयात सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी कर रही है. कंपनी ने अब तक 49,500 टन प्याज आयात के ठेके दिए हैं. बड़े शहरों में इन दिनों प्याज का औसत भाव 100 रुपये प्रति किलो है. लेकिन, कुछ हिस्सों में प्याज 160 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है.

अधिकारी ने बताया, ‘290 टन व 500 टन की दो खेप मुंबई पहुंच गई है. हम इसे 57-60 रुपये प्रति किलो की आयात लागत पर उपलब्ध करा रहे हैं.’ उन्होंने बताया कि दिल्ली व आंध्र प्रदेश की सरकारों ने पहले से ऑर्डर दे रखा है व उन्होंने माल उठाना प्रारम्भ भी कर दिया है.

अधिकारी ने बताया कि प्याज का आयात तुर्की, मिस्र व अफगानिस्तान से किया जा रहा है. अभी कुछ खेप रास्ते में हैं, जिनके पहुंचने पर आपूर्ति की स्थिति सुधरनी चाहिए. इससे पहले साल 2015-16 में 1,987 टन प्याज का आयात किया गया था. उस दौरान भी प्याज बहुत ज्यादा महंगा हो गया था.

भाव बढ़ने की वजह

पिछले वर्ष के मुकाबले 2019-20 के खरीफ सीजन (जुलाई-जून) में प्याज का उत्पादन करीब 25 फीसदी घटने का अंदेशा है. मानसून की बारिश देर से प्रारम्भ होना व बड़े उत्पादक राज्यों में आवश्यकता से ज्यादा बारिश होना इसकी दो प्रमुख वजहें रहीं.

अब तक के तरीका नाकाफी

पिछले कुछ हफ्तों के दौरान सरकार ने सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए, लेकिन वे अच्छा साबित नहीं हुए. प्याज के निर्यात पर पहले से पाबंदी है. इसके अतिरिक्त इस कमोडिटी पर स्टॉक लिमिट भी लगाई गई है व बफर स्टॉक का प्याज कम भाव जारी किया जा रहा है.

जनवरी तक तेजी संभव

कारोबारियों व विशेषज्ञों का मानना है कि अगले महीने तक प्याज में तेजी जारी रहेगी. तब तक मंडियों में लेट खरीफ की फसल की आवक प्रारम्भ हो जाएगी, लिहाजा भाव गिरने लगेंगे.