इंटरनेट बंद होने से हर एक घंटे करोड़ों रुपये का नुकसान झेल रही टेलीकॉम कंपनियां

सीएए और एनआरसी को लेकर देश भर में प्रदर्शन चल रहा है, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। इंटरनेट बंद होने के कारण आम लोगों को परेशानी हो रही हैं, तो दूसरी तरफ टेलीकॉम कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ा हैं। वहीं, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी सीओएआई (COAI) ने कंपनियों को हो रहे नुकसान को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि इंटरनेट बंद होने से कंपनियों को हर एक घंटे में दो करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज (27 दिसंबर 2019) भी राज्य के कई बड़े शहरों के साथ अन्य राज्यों में इंटरनेट बंद किया है। माना जा रहा है कि सरकार ने सीएए और एनआरसी को लेकर वायरल हो रही फर्जी तस्वीरों और खबरों पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

COAI सरकार को भेजा पत्र

सीओएआई ने देश में इंटरनेट बंद होने से दूरसंचार कंपनियों को हो रहे नुकसान को लेकर भारत सरकार को पत्र भेजा है। हालांकि, अब तक सरकार ने सीओएआई की तरफ से भेजे गए पत्र का जवाब नहीं दिया है। इससे पहले सीओएआई के चेयरमैन ने कहा था की देश में पेपर लीक होने से लेकर आर्टिकल 370 हटने तक पर राज्यों में इंटरनेट बंद कर दिया जाता है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती हैं और कंपनियों को भी नुकसान होता हैं।

इंटरनेट बंद के मामले में भारत है सबसे आगे

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशन्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट बंद के मामले में भारत दूसरे देशों से बहुत आगे है। इंटरनेट पर बैन लगने से देश को आर्थिक नुकसान होता है।

कश्मीर में लंबे समय से बंद रहा इंटरनेट

इंटरनेट शटडाउन वेबसाइट के मुताबिक, भारत में 2012 से लेकर 2019 तक कुल 377 बार इंटरनेट बंद हुआ है। वहीं, कश्मीर में 180 बार, राजस्थान में 68 बार, उत्तर प्रदेश में 27 बार, बिहार में 11 बार और उत्तराखंड में 2 बार इंटरनेट पर बैन लगाया गया है।

महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में इतनी बार बंद हुआ इंटरनेट

सरकार ने 2012 से लेकर 2019 तक महाराष्ट्र में कुल 10 बार, आंध्र प्रदेश में एक बार, तमिलनाडु में एक बार और पश्चिम बंगाल में नौ बार इंटरनेट बंद हुआ है।