चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिन्ह को किया जब्त , अब क्या करेंगे चिराग पासवान

बिहार विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने लोजपा के चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया है. लोजपा पर कब्जे को लेकर चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच चल रही तनातनी के बीच चुनाव आयोग ने अहम फैसला देते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न बंगला को जब्त कर लिया है.

इस पर जब तक अंतिम फैसला नहीं हो जाता है, तब तक लोजपा के दोनों धड़े इस चुनाव चिह्न का प्रयोग नहीं कर पायेंगे. वहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने दावा किया है कि हमारी मांग पर ही आयोग ने चुनाव चिह्न रोका है.

दिवंगत नेता व लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के बंगले का इस्तेमाल फिलहाल चिराग और पारस दोनों खेमें में कोई नहीं करेगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि पशुपति पारस या चिराग पासवान के दो समूहों में से किसी को भी लोजपा के चुनाव चिह्न के उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी. जिसके बाद अब चिराग के सामने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुश्किलें हो सकती हैं तो वहीं पारस गुट इसे अपनी जीत बता रहा है.

देर शाम पटना पहुचे पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हमारा चुनाव चिह्न जब्त नहीं किया है. पार्टी को लेकर आपस में विवाद था. चिराग पासवान बिहार विधानसभा उप चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित करने वाले हैं.

हम लोग तो एनडीए के पार्ट हैं. मैंने ही चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि जब तक चुनाव आयोग के कोर्ट से फैसला नहीं होता है, तब तक लोजपा का चुनाव चिह्न किसी को आवंटित नहीं किया जाये.

बता दें कि लोजपा के दो गुटों में बंट जाने के बाद पार्टी पर बर्चस्व की लड़ाई तेज हो गयी थी. पारस और चिराग गुट के अपने-अपने दावे थे. दोनों गुट लोजपा के बंगला निशान और नाम के इस्तेमाल को लेकर अपनी दावेदारी रखे हुए थे.

इस बीच बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव होना है. चिराग खेमा अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारी में है. वहीं पारस स्पस्ट कर चुके हैं कि वो एनडीए के हिस्सा हैं और एनडीए के जदयू प्रत्याशी का वो साथ देंगे. लेकिन चिराग ने हाल में भी स्पस्ट कर दिया था कि पार्टी के नाम और निशान पर उनका ही अधिकार है.