ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से हो सकते है ये गंभीर बिमारी, पहुंचा सकता है कानों को नुकसान

कुछ लोग ट्रैवलिंग के दौरान ईयरफोन लगाकर म्यूजिक सुनते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें आसपास के वातावरण में मौजूद ट्रैफिक का शोर सुनाई नहीं देगा।

 

कई बार यह तरीका ज्यादा नुकसानदेह साबित होता है। दरअसल, इससे आसपास के वातावरण में बिखरी काम डेसिबल की ध्वनि से तो बचाव हो जाता है लेकिन ईयरफोन के जरिए कानों में सीधे पहुंचने वाली तेज़ ध्वनि कान के भीतरी हिस्से को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं।

ईयरफ़ोन इस्तेमाल करते समय उस पर कई तरह के बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। कान के भीतरी हिस्से में इन्हें लगाते ही कान में संक्रमण फैल सकता है।

इसलिए रोजाना सुबह ईयरफोन को हैंड सैनिटाइजर से साफ करें। साथ ही अपना ईयरफोन किसी दूसरों के साथ शेयर न करें। इससे भी कान में इंफेक्शन हो सकता है।

ईयरफोन लगाने के बाद मोबाइल का वॉल्यूम जरूरत से ज्यादा तेज करने से कान के परदों के नुकसान पहुंच सकता है। सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि तेज आवाज की वजह से उस वक्त तो कान से जुड़ी कोई तकलीफ व्यक्ति को महसूस नहीं होती।

लेकिन कुछ समय बाद जब तकलीफ का एहसास होता है, तब काफी देर हो चुकी होती है। इससे कई बार समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है। इसलिए ईयरफ़ोन लगाकर कुछ भी सुनते समय अपने गैजेट का वॉल्यूम लेवल अधिकतम 40 प्रतिशत तक ही रखें।

अगर दिन में ज्यादातर समय वर्चुअल मीटिंग्स में रहना पड़ता है तो ईयरफोन के बजाय हेडफोन इस्तेमाल करें। दरअसल कान के अंदर मौजूद नाजुक कोशिकाएं दिमाग तक ध्वनि पहुंचाने का काम करती हैं।

जब ईयरफोन त्वचा के माध्यम से इन कोशिकाओं को छूता है, तो इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए रोज़ ज्यादा देर तक ईयरफोन लगाने से कानों को नुकसान पहुंच सकता है।

कभी मोबाइल पर किसी से बात करते तो कभी मनपसंद म्यूज़िक सुनते समय ईयरफोन इस्तेमाल करना आम बात है। लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने वाले शायद यह नहीं जानते कि ईयरफ़ोन के ज्यादा इस्तेमाल से कान में दर्द, सुनने में परेशानी और इंफेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ईयरफ़ोन इस्तेमाल करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्या हैं वे बातें? जानिए यहां।