उच्च हिमालयी क्षेत्रों में शुरू बर्फबारी, यहां माइनस में पहुंचा तापमान

पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम का छठा हिमपात हुआ, जिससे चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और घाटी वाले इलाकों में बादल छाए रहने से पारा तेजी से लुढ़का है। जिससे जनपद में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। दूसरे ही दिन जिले का तापमान 2 डिग्री लुढ़क गया, जबकि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद हिमनगरी का तापमान एक डिग्री पहुंच गया है। इधर अल्मोड़ा- बागेश्वर और हल्द्वानी में भी बूंदा-बांदी हुई।

गुरुवार को मुनस्यारी के पंचाचूली, राजरंभा, हसलिंग, मिलम, दुंग, रालम, छिपलाकेदार सहित अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की छठी बर्फबारी हुई। जबकि निचले इलाकों में पूरे दिन बादल छाए रहे।

बर्फबारी के बाद चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। हिमपात और बादल छाए रहने से जिले में ठंड का असर बढ़ गया है। पारा तेजी से लुढ़का है। बीती बुधवार को जिला मुख्यालय का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया था। जो गुरुवार को चार डिग्री हो गया है।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद हिमनगरी में भी तापमान एक डिग्री पहुंच गया है। मौसम में बदलाव के चलते पूरे जिले में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। अल्मोड़ा-बागेश्वर में सुबह से आसमान घने बादलों से पटा रहा। जबकि दिन में बूंदा-बांदी ने ठिठुरन बढ़ा दी। दो दिनों से बादल छाए रहने से सूर्य के दर्शन नहीं हुए। लोग घरों के अंदर दुबकने को मजबूर हो गए हैं।

अल्मोड़ा आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रानीखेत में भी गुरुवार को दोपहर करीब 12 बजे बाद बूंदा-बादी हुई।

भारत-चीन सीमा पर स्थित मिलम, दुंग में बर्फबारी के बाद तापमान माइनस तीन डिग्री पहुंच गया है। कड़ाके की ठंड के बाद भी आईटीबीपी के जवान सीमा पर गश्त में जुटे हैं। साथ ही बीरआरओ के जवान हौसला दिखाते हुए मुनस्यारी-मिलम सड़क का निर्माण कर रहे हैं।