राहुल गाँधी के इस बयान के चलते बीजेपी-कांग्रेस में छिड़ी जंग, शुरू हुआ ये बड़ा विवाद

भारत को चुनावी तानाशाही वाला देश बताने के पीछे मीडिया पर अंकुश, मानहानि और राजद्रोह कानूनों का हद से ज्यादा इस्तेमाल को वजह बताई गई है.

 

रिपोर्ट में लिखा गया है कि सेंसरशिप के मामले में पाकिस्तान जितना ही भारत निरंकुश हुआ है. अब बीजेपी को ये रिपोर्ट विदेशी एजेंसी का भारत विरोधी एजेंडा नजर आती है और कांग्रेस को ये रिपोर्ट सरकार को घेरने का नया हथियार.

दुनियाभर में देशों को लोकतंत्र के पैमाने पर नापने वाली दो विदेशी एजेंसियों स्वीडन की शोध संस्था वी-डेम और अमेरिकी एनजीओ फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत अब एक लोकतांत्रिक देश नहीं रहा.

स्वीडन की शोध संस्था वी-डेम (V-Dem) कहती है कि भारत अब चुनावी लोकतंत्र नहीं रहा बल्कि चुनावी तानाशाही में बदल गया है. वी डेम ने 2019 की रिपोर्ट में भारत को लोकतंत्र का दर्जा खोने की कगार पर कहा था, और अब 2020 की रिपोर्ट में इस स्वीडिश इंस्टीट्यूट ने भारत में चुनावी तानाशाही बताई है.

हालांकि जिस वक्त देश के 5 राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनाव होने जा रहा है. और उसी चुनाव का हिस्सा बाकी दलों समेत राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस भी है. तब राहुल गांधी को भारत में लोकतंत्र अब बीती बात लगता है इसके पीछे उन्होंने 2 विदेशी एजेंसियों की रिपोर्ट को आधार बनाया है.

भारत अब जब अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मनाने की तैयारी शुरू करने जा रहा है. देश में आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया है .

तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक ट्वीट करते हुए कहते हैं कि भारत अब एक लोकतांत्रिक देश नहीं रहा. उनके इस ट्वीट के बाद विवाद शुरू हो गया.