ये तो आप जानते ही हैं आयु के साथ बॉडी में भी कई परिवर्तन आते हैं व एक आयु के बाद हमारा बॉडी निर्बल होता जाता है। बुढ़ापे में आँखें भी निर्बल हो जाती है लेकिन आजकल तो 5 वर्ष के बच्चे को भी नजर का चश्मा लगने लगा है। यानि ऊनी आँखें कमज़ोर हो रही हैं।
इसके भी कई कारण हो सकते हैं, मोबाइल फ़ोन,कंप्यूटर व टीवी के सामने आँखे गड़ाकर बैठने से या फिर किसी सर्द के कठिनाई से भी हो सकता है। इससे आँखों पर ख़राब असर पड़ता है व आँखे निर्बल होने लगती है। लेकिन इसे बचने के कुछ घरेलु तरीका जान लीजिये जिनसे आपकी नेत्र ज्योति को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
रात को 8 बादाम भिगोकर प्रातः काल पीस लें व इस पीसे हुए पेस्ट को पानी के साथ मिलाकर पी जाएं। एैसा करने से आंखों से पानी गिरना व कमजोरी दूर होती है।गुलाबजल व नींबू का रस बराबर मात्रा में मिला लें। व इसे हर एक घंटे में आंखों में डालें। यह आंखों में ठंठक देता है।
रात को पानी में त्रिफला के चूर्ण को भिगों लें व प्रातः काल इस पानी से आंखों को धोने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीते रहने से ताउम्र आंखों की रोशनी निर्बल नहीं होती है।
बता दें, गन्ना व केला दोनों ही आंखों के लिए लाभकारी है। आंखों की बीमारी से बचने के लिए 20 मिलीलीटर बेलपत्र का रस पीना चाहिए। या इसके रस की 3 बूंदे आंखों में डाल सकते हो। कानों के पास वाले हिस्से यानि कनपटी पर गौ माता के घी से हल्के हाथों से मालिश करें। एैसा करने से भी आंखों की कमजोरी दूर होती है।